इंटरनेट का उपयोग करते समय किसी भी वेबसाइट को
बिना सोचे-समझे ओपेन कर देना आपकी सिक्योरिटी के लिए खतरा हो सकता है।
अक्सर इंटरनेट ओपेन करते ही आप विज्ञापनों, कूपन या आफर्स को देखकर आकर्षित होते हैं और
उनके बारे में बिना कुछ जानें और सोचे समझे क्लिक कर देते हैं। परंतु यह कितना
खतरनाक होता है शायद आप नहीं जानते। इस वजह से कई बार आपके लैपटॉप, डेस्कटॉप या स्मार्टफोन में बिन बुलाए वायरस या मालवेयर दस्तक दे देते
हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप किसी भी वेबसाइट को ओपेन करने से पहले जांच लें कि वो
वेबसाइट सही है या नहीं। आगे हमने आपको ऐसी ही कुछ वेबसाइट्स की जानकारी दे रहे
हैं जिन्हें आपको ओपेन नहीं करना चाहिए।
1. बिना सिक्योरिटी वाली वेबसाइट्स
यदि आप आँनलाइन कुछ खरीदारी के लिए किसी
वेबसाइट्स को ओपेन कर रहे हैं तो सबसे पहले आपको उसकी सुरक्षा के बारे में जान लें
कि वह वेबसाइट्स सुरक्षित है या नहीं। क्योंकि अक्सर शॉपिंग के लिए किसी साइट को
उपयोग करते समय उसमें आपको अपनी निजी जानकारी देनी होती है और ऐसे में यदि गलत
हाथों में यह जानकारी लग गई तो इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है। इसलिए पहले जांच लें
कि वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं। इसके लिए सबसे आसान तरीका है कि पहले वेबसाइट का
यूआरएल चेक करें। जो कि https से शुरू होना चाहिए। यदि
वेबसाइट के यूआरएल में https दिया गया है तो वह सुरक्षित है।
यदि ऐसा नहीं है तो आपकी जानकारियां आसानी से हैक की जा सकती हैं। वहीं आपके
ब्राउजर में लॉक आईकॉन डिसप्ले होना चाहिए। ताकि जब आप
किसी साइट पर क्लिक करें तो साइट का सिक्योरिटी सर्टिफिकेट चेक कर सकें। जिसके बाद
वैलिडेशन प्रोसेश से आपको पता चल जाएगा कि साइट सिक्योर है या नहीं।
2. अजीबो-गरीब
यूआरएल वाली वेबसाइट
आजकल डोमेन नेम को खरीदना आसान है और ऐसे में
लोग कई बार अजीबो-गरीब डोमेन नेम खरीद लेते हैं ताकि उनके नाम से लोग आकर्षित हों।
किंतु अजीब या अटपटे यूआरएल हैकर्स का हैक करने का तरीका भी हो सकते हैं। इसलिए
यदि आप भी किसी अजीब से यूआरएल को देखकर उसे ओपेन करने के बारे में सोच रहे हैं तो
आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप यूआएल को ठीक से चेक कर
लें कि वह खतरनाक या असुरक्षित तो नहीं है। इसके लिए आप यूआरएल को दाएं से बाएं तक
अच्छे से देखें। यदि उसके अंत में .edu, net., com आदि नहीं लिखा और उसकी जगह दो अक्षर लिखें हैं तो इससे पता चल जाएगा कि वह
किस देश की साइट है। वहीं आपको यूआरएल की शुरूआत में दिए गए www पर भी नजर रखनी होगी क्योंकि www कंपनी के नाम को
बताती है और सही वेबसाइट है। वहीं यदि आपको किसी वेबसाइट में www की जगह सिर्फ कंपनी का नाम लिखा हुआ है तो
वह हैकर्स की साइट हो सकती है। तो गलती से भी उस साइट पर क्लिक कर उसे ओपेन न
करें।
3. अजीब कंटेंट वाली वेबसाइट
आपने किसी वेबसाइट पर क्लिक कर दिया है और
उसके ओपेन होते ही आपने जो सोच कर क्लिक किया था उसके बजाय कुछ और ही कंटेंट है तो
किसी समस्या से बचने के लिए उसे तभी बंद कर दें। कई बार कुछ वेबसाइट अपने कंटेंट
के माध्यम से लोगों को आकर्षित करती हैं ताकि उन साइट्स पर क्लिक करते ही वह
उन्हें हैक कर लें। ऐसे कंटेंट वाली साइट में आपको मुद्दे से हटकर सामग्री परोसी
जाती है जिसमें शब्दों व व्याकरण के कई एरर होते हैं। इसलिए जो आप सर्च करना चाहते
हैं उसके लिए ठीक से जांच करें और यदि किसी वेबसाइट पर क्लिक कर भी दिया है तो
उससे तुरंत बंद भी कर दें।
4. मैलवेयर वाली वेबसाइट
यदि आप किसी ऐसी साइट को ओपेन कर देते हैं
जिसमें कि मैलवेयर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल है तो वह आपकी सारी जानकारी उस व्यक्ति तक
पहुंचा देता है जिसने इसे इंस्टॉल किया है। हैकर्स द्वारा किसी की भी जानकारी को
हैक करने के लिए मैलवेयर का काफी उपयोग किया जाता है। इसलिए आप केवल ऐसे ही लिंक
या साइट पर क्लिक करें जो जिस पर आपको विश्वास है। किसी भी अंजान या संदिग्ध ई-मेल
आदि पर क्लिक न करें। इसके लिए सबसे बेहतर तरीका है कि आप आपने डेस्कटॉप या लैपटॉप
में किस अच्छे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें ताकि साइट से मैलवेयर को ब्लॉक
कर सकें।
यदि आप किसी ऐसी साइट को ओपेन कर देते हैं
जिसमें कि मैलवेयर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल है तो वह आपकी सारी जानकारी उस व्यक्ति तक
पहुंचा देता है जिसने इसे इंस्टॉल किया है। हैकर्स द्वारा किसी की भी जानकारी को
हैक करने के लिए मैलवेयर का काफी उपयोग किया जाता है। इसलिए आप केवल ऐसे ही लिंक
या साइट पर क्लिक करें जो जिस पर आपको विश्वास है। किसी भी अंजान या संदिग्ध ई-मेल
आदि पर क्लिक न करें। इसके लिए सबसे बेहतर तरीका है कि आप आपने डेस्कटॉप या लैपटॉप
में किस अच्छे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें ताकि साइट से मैलवेयर को ब्लॉक
कर सकें।
5. क्लिकबेट
जैसी वेबसाइट
आज कल कई वेबसाइट्स बिजनेस के उद्देश्य से
अपने नंबर्स को बढ़ाने के लिए ऐसे न्यूज या इवेंट को सोशल साइट्स जैसे फेसबुक या
ट्विटर आदि पर डालते हैं जिनकी हेडिंग तो रोचक होती है किंतु ओपेन करने पर उसमें
ऐसा कुछ नहीं होता जो आप पढ़ना या जानना चाहते हैं। इसे क्लिकबेट स्कैम ही कहा
जाता है और इस प्रकार के क्लिकबेट आपका समय खराब करने के अलावा गलत जानकारियां भी
परोसते हैं। क्लिकबेट स्कैम में एक्सक्लूसिव, शॉकिंग और
सेंसेशनल जैसे शब्दों का उपयोग किया जाता है। जिन पर आप अक्सर न चाहते हुए भी एक
बार क्लिक कर ही देते हैं कि शायद इसमें कुछ रोचक पढ़ने या जानने को मिले। इस
प्रकार की क्लिकबेट साइट से बचने के लिए आप उन्हें रीमूव या बैन कर सकते हैं... Hemant Sarkar
पर आज एक विश्वास का प्रत्येक रूप से दर्शन
हुआ....एक बार जरुर पढ़े.....
जब मुझे एक W-10 ओरिजनल
OS की जरुरत थी और वह भी 2 दिन के
अन्दर.....पटना में नहीं मिल पाया तो अपने फुफेरा भाई आकाश को दिल्ली फ़ोन किया वह
नेहरु प्लेस के एक शॉप का नम्बर दिया...मैं उनसें बात किया और उन्हें आग्रह किया की
आप मुझे व्हाट्सएप्प से सीरियल नंबर भेज दें...जिसे यहाँ एक कंप्यूटर में उस सीरियल
नंबर को Activateकरना था
बिना पेमेंट किये वह भेज दिए.....और आज दिल्ली
सेW-10का पैकेट भी भेज दिए....
मैं इन्हें नहीं जानता.......?
कभी मिला भी नहीं, कभी कुछ मंगवाया भी नहीं...........?
मृत्यु एक अटल सत्य... पर "अटल" हमेसा अटल... अटल जी...चंद कविता
--------------------------------------
क्या खोया,
क्या पाया जग में
मिलते और बिछुड़ते मग में
मुझे किसी से नहीं शिकायत
यद्यपि छला
गया पग-पग में
एक दृष्टि बीती पर डालें,
यादों की पोटली टटोलें...
----------------------------------------
बेनकाब चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं
टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं
गीत नहीं गाता हूं....
----------------------------------------
एक बरस बीत गया,
झुलासाता जेठ मास.
शरद चांदनी उदास.
सिसकी भरते सावन का.
अंतर्घट रीत गया.
एक बरस बीत गया
---------------------------------------
कल कल करते आज,
हाथ से निकले सारे,
भूत भविष्यत की चिंता में,
वर्तमान की बाजी हारे.
आज कल मधेपुरा में फर्जी रेलवे फैक्ट्री का
वैकेंसी काफी अफवाह में रहा आखिर क्यों हम ठगे जाते है तो जानते है आज इसके बारे
में...
आज हमलोग इन्फोर्मेशन तकनीक के उस दौर में है
जहाँ कुछ जानना बहुत जरुरी है खास कर युवा पीढ़ी आज आप जो चाहें वो काम इंटरनेट पर
कर सकते हो और ऐसे में ऑनलाइन का चलन आज कल बहुत हो रहा है,
ऑनलाइन शॉपिंग आज के दौर के हिसाब से तेजी से
बढ़ रही है. लेकिन आपको वेबसाइट की सही जानकारी न होने पर कई फर्जी वेबसाइट आपको
ठग भी सकती हैं.इसमें सबसे ज्यादा ऑनलाइन वैकेंसी और इ-कॉमर्स है.आज इन्हें पहचानना
बहुत जरुरी है
फर्जी वेबसाइट को हम कैसे पहचान सकते हैं
कोई भी कंपनी कितना सही है या कितना फेक है..
इसे जानने के लिए इंटरनेट पर कई ऐसी वेबसाइट्स पहले से ही हैं.. एक वेबसाइट है
जिसका नाम www.whois.domaintools.com है इस वेबसाइट पर
आपको उस वेबसाइट का URL कॉपी और पेस्ट कर के सर्च करे तो
आपको उस वेबसाइट का पूरा डिटेल्स पता चल जायेगा....कब उसका डोमेन लिया गया किस नाम
से,होस्टिंग कब हुआ, कब से ऑनलाइन चल
रही है. इत्यादि जब हमें इस बात की जानकारी हो जाएगी तो हम कभी भी नहीं ठगे जा
सकेगे.....
आज नेट के बिना हम नहीं रह सकते यह हमारी
दैनिक दिनचर्या में शामिल हो गया
तो आज जानते है की क्या क्या कर सकते है
इन्टरनेट से....
इंटरनेट कीमदद से हम किसी भी तरह की जानकारी और किसी भी सवाल का हल कुछ ही सैकेंडों
में प्राप्त करसकते है।
इन्टरनेट के माध्यम से हम दुनिया के किसी
दूसरे कोने में बैठे किसी भी व्यक्ति से बिना शुल्क के घण्टो तक बात कर सकते
है।
यह एक वर्ल्ड वाइड वेब है जिसकीमदद से हम दुनिया के किसी भी कोने में अपनी मेल
या जरूरी कागजात पलक झपकते ही भेज सकते है या प्राप्त करसकते है।
यह
हमारे मनोरंजन का सबसे अच्छा माध्यम बनकर हमारे सामने प्रस्तुत हुआ है! इसके
माध्यम से संगीत, गेम्स,फिल्म
इत्यादि बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के डाऊनलोड कर सकते है और अपनी बोरियत की दूर
किया जा सकता है।.
इन्टरनेट की सहायता से बिजली ,पानी और टेलीफोन के बिल का भुगतानघर बैठे बिना किसी परेशानी के और कतार में खड़े हुए बगैर आसानी से भर सकते
है |
रेलवे टिकेट बुकिंग, होटल रिसर्वेसन, ऑनलाइन शॉपिंग ,ऑनलाइन पढ़ाई,आनलाइन बैंकिंग, नौकरी
खोज, इत्यादि सुविधाए भी इन्टरनेट के माध्यम से घर बैठे मिल
जाती है!
इंटरनेट के माध्यम से होने वाले वित्तीय एवं
वाणिज्यिक प्रयोगों ने बाज़ार की अभिधारणाओं को नई रूप रेखा प्रदान की है |
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से हम नए नए
दोस्त बना सकते है जिससे हमे काफी कुछ नया सीखने को मिलता है।
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से हम कोई
भी खबर एक ही पल में एक ही शेयर से बहुत सारे लोगो तक पहुंचा सकते है।
जो लोग किसी भी समस्या से रेगुलर क्लास लगाकर
नही पढ़ सकते उनके लिए भी इन्टरनेट क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया है। अब ऑनलाइन
क्लासेस के माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे ही पढ़ कर परीक्षा दे सकता है।
सुयोग्य वर-वधु की तलाश भी इन्टरनेट ने आसान
करदी है। इन्टरनेट पर बहुत सी मैट्रीमोनी
साइट्स है जिनपर आप अपनी पसंद के जीवनसाथी की तलाश आसानी से कर सकते है।
जो लोग पार्ट टाइम जॉब करके पैसा कमाना चाहते
है,उनके लिए भी इन्टरनेट वरदान से कम नही है।आजकल बहुत सारी ऑनलाइन जॉब्स उपलब्ध है जिससे
घर बैठे ही आप पैसा कमा सकते है।
कुकिंग सीखनेके लिए भी अब कोई कुकिंग क्लासेज में टाइम और पैसे बर्बाद करने की जरुरत
नही है। जो भी सीखना हो यू ट्यूब पर आप लाइव सीख सकते है।
इन्टरनेट सेवा के माध्यम से अब ई कॅामर्सऔर ई बाजार के बढ़ते चलन ने सेवा प्रदाताओं और
उपभोक्ताओं के बीच की दूरी को मिटा दिया है......
ऐसे और भी बहुत काम है जो आप इन्टरनेट के मदद से कर सकते है....
आज के इस आधुनिक युग में जहाँ एक ओर अपनी
व्यस्त दिनचर्या है,
तो दूसरी ओर अपने बच्चों के
भविष्य की चिंता...आज के इस दौर में हर किसी को यह पढना चाहिए.....
अगर हम पहले की बात करे, तो उस समय घर की जिम्मेदारियाँ बटी हुई थी.
जहाँ पिता बच्चों की सुविधा के लिये धन अर्जित
करने के लिये काम करते थे, तो वही माता घर पर रहकर अपने
बच्चों का ध्यान रखती थी। परंतु आज समय समय बदल चुका है। आज के समय में जहाँ साधन
बड़े है, तो उनपर होने वाला खर्च भी बढ़ा है। आज पिता के
साथ-साथ माता को भी बाहर की इस भाग दौड़ में उतरना पढ़ा है। इसका सबसे गहरा असर घर
के बच्चों पर पढ़ा है। घर में बच्चों को माता पिता की एक झलक के लिये सुबह से शाम
तक का इंतजार करना होता है. जब वे स्कूल से घर लौटते है, तो
उन्हे अपनी बातों को बताने के लिये भी धैर्य रखना पढ़ता है। यह सब बाते आपके समक्ष
रखने का एक मात्र कारण ये है कि आज के समय में बच्चों के साथ होने वाली कठिनाइयों
को आपके सामने लाया जाये। ताकि आप उनपर विचार कर सकें और अपने बच्चे का बेहतर
भविष्य तराश सके...
आज के समय में हर माता-पिता की एक या दो संतान
होती है। माता-पिता का कर्तव्य होता है कि उन्हे सही दिशा प्रदान करे ताकि वे अपने
भविष्य का बेहतर निर्माण कर पाये। अब बात उठती है बेहतर भविष्य की तो उसके लिये
आवश्यक होगा कि आप बच्चों को बाल्यकाल से ही अच्छे संस्कार दें, क्यूकी “एक मज़बूत निव पर ही सुदृढ़ भवन खड़ा किया जा
सकता है”।
अगर हम बच्चों की बात करे, तो हर संतान, हर उम्र में अपने माता पिता के लिये
नासमझ ही होती है। और ये सही भी है ,उम्र के एक पढ़ाव तक हर
संतान को अपने माता-पिता की समझाइश और उनके अनुभव की आवश्यकता पढ़ती है। इसका सबसे
अच्छा उदाहरण है, एक शिशु को जन्म देंने वाली माँ से ले सकते
है। एक माँ जिसने अभी-अभी एक शिशु को जन्म दिया है, परंतु
उसे फिर भी इस समय अपनी माँ या अपनी माँ रुपी सास के सहयोग और परामर्श की सबसे
अधिक जरूरत पढ़ती है, ताकि वह अपने शिशु को संभाल पाये।
उम्र के हर पढ़ाव पर हर बच्चे को अलग तरह के
प्रोत्साहन की जरूरत होती है। माता-पिता को चाहिए कि वो अपने बच्चे की जरूरत और
मानसिक स्तिथि को समझ कर उसका सही तरीके से सहयोग करे। ताकि आगे चलकर बच्चा एक सफल, सुद्रढ़ और आकर्षक व्यक्तित्व का इंसान बन पाये..
6 से 16 साल की उम्र :-यह
वह समय है, जब बच्चों को अपने माता पिता के सहयोग की सबसे
ज्यादा जरूरत होती है। चाहे वह स्कूल का एक्जाम हो या वार्षिक उत्सव या कोई अन्य
एक्टिविटी बच्चे बिना माता-पिता के सहयोग के नहीं कर पाते। और इस समय माता-पिता का
सहयोग उन्हे एक अलग ही प्रोत्साहन देंता है।
इस उम्र में आपको क्या बातें ध्यान रखनी चाहिए
:
बच्चे की हर एक्टिविटी पर नजर रखे -:
माता-पिता ही वह पहले इंसान है, जो अपने बच्चों के बारे
में सबकुछ जानते है। उन्हे सभी बातों जैसे आपके बच्चे के स्कूल में क्या चल रहा है,
उनकी पैरेंट्स मीटिंग कब है, आपके बच्चों को
कौनसा सब्जेक्ट कठिन लगता है आदि बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बच्चों की बातों को कुशलता से सुने और उन्हे
परखे -: अगर आपका बच्चा आपकों स्कूल से लौटने के बाद अपनी दिनचर्या बताता है, तो उसे ध्यान से सुने और उसे समझने का प्रयास करे कि उसने दिनभर क्या
किया। उसका आकर्षण किस ओर है और उसे क्या करना अच्छा लगता है।
बच्चों पर अपनी इच्छाओं का दबाव न ड़ाले -:
अन्य बच्चों के मार्क्स देंखकर अपने बच्चों पर दबाव ना बनाये, हो सकता है आपके बच्चे की क्षमता अलग हो और वह आपकी इच्छाओ की पूर्ति करने
में समर्थ ना हो।
बच्चों की तुलना अन्य बच्चों से न करे -:
हमेंशा किसी अन्य बच्चे की तुलना अपने बच्चे से ना करे, इससे उसके मन में ईष्या जन्म लेती है या हो सकता है उसका आत्मविश्वास कम
होने लगे और वह अपने आप को अन्य बच्चों से कमजोर समझने लगे।
बच्चे को उचित प्रोत्साहन दें -: जब बच्चा
किसी काम में सफल हो, तो उसका उचित प्रोत्साहन करें
और जब वह असफल हो तब भी उसके साथ खड़े रहकर उसे मार्गदर्शन दें।
बच्चे का अच्छा सोशल नेटवर्क डेव्ल्प करने में
मदद करे -: यही वह वक़्त है, जब बच्चे बाहर निकलते है,
उनके दोस्त बनते है , तो अप्रत्यक्ष रूप से
उनपर ध्यान दें .इस बात का ध्यान दें, कि कही वे किसी गलत
आदत का शिकार तो नहीं हो रहे। और हा ध्यान रखिये यह ध्यान कही दखल अंदाजी ना बन जाए,
ताकि बच्चे आपसे चिढ़ने लगे।
बच्चे की पढ़ाई और अन्य चीजों में दिलचस्पी ले
-: इस समय बच्चों को पढ़ाई में भी माता-पिता के सहयोग की आवश्यकता होती है, तो इस बात का ध्यान रखे। उनके पढ़ने का टाइम टेबल बनाये, जब वह पढ़ रहे हो टीवी बंद रखे और उनके प्रोजेक्ट एक्टिविटी में उनका साथ
दें। आवश्यकता हो तो जब वे पढ़ रहे हो तो उनके साथ बैठे।
बच्चे का उत्साह बढ़ाने के लिए नयी-नयी चीजें
प्लान करे -: बच्चे की हर छोटी से छोटी उपलब्धि में उसका प्रोत्साहन करे, जैसे एक्जाम में अच्छे नंबर आने पर गिफ्ट दें या एक फ़ैमिली ट्रिप प्लान
करे ताकि बच्चों का उत्साह बना रहे।
अपने बच्चों से इंटरनेट के उपयोग पर जरूर बात
करें। ये किसी भी लॉक से बेहतर काम करता है। उन्हें ऐप्स का सही यूज़ करना सिखाए।
उन्हें बताएं कि वर्चुअल स्पेस में ज्यादा समय बिताना कैसे उन्हें वास्तविक दुनिया
से अलग कर सकता है।
*गेम्स
उन्हें उदाहरण देकर समझाया जा सकता है कि किस
तरह इंटरनेट के जरिए खेली जानी वाली कुछ खास गेम्स की लत उनकी अन्य गतिविधियों पर
असर डाल रही है। उन्हें बताए कि किस तरह गेम्स की ये लत उन्हें उनकी पढ़ाई से दूर
कर रही है।
*सोशल मीडिया से कराए अवेयर
अगर आपका बच्चा सोशल मीडिया पर एक्टिव है तो
उससे प्राइवेसी पर बात करनी चाहिए। उन्हें बताए कि किस तरह से फोटो या पोस्ट पर
गलत किस्म के लोग ट्रैप या ट्रोल कर सकते हैं।
*इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए तय करें नियम
उनके इंटरनेट इस्तेमाल के लिए कुछ नियम तय किए
जाने चाहिए। उन्हें बताए कि कब, कितनी देर इंटरनेट यूज़
करना है। बच्चे से दोस्ताना व्यवहार रखें ताकि किसी मुसीबत में आपसे बात करने से
घबराए नहीं। बातों-बातों में बच्चे को बताए कि किनसे संपर्क न करे।
*उनकी फ्रेंड्स लिस्ट में हो शामिल सोशल
मीडिया में उनकी फ्रेंडलिस्ट में आप भी शामिल हो सकते है। उन्हें ये यकीन दिलाए कि
आप उनकी वॉल पर कभीं कोई नेगेटिव कमेंट नहीं करेंगे जिससे वो डिसअप्पोइंट हो, लेकिन उन्हें बताए की फ्रेंडलिस्ट में आपका होना क्यों जरूरी है।
*ब्राउजिंग साइट्स पर रखें नियंत्रण
कम उम्र बच्चा किस तरह की साइट देख रहा है, इसपर नजर रखना आपके लिए जरूरी है। इसलिए उनकी ब्राउजिंग साइट्स पर
नियंत्रण रखें....
जियो पहले अपने ग्राहकों को सभी प्लान के तहत
रोज की डाटा लिमिट देता है. जो कि डेटा पैक पर आधारित रहता है. ये लिमिट खत्म होने
के बाद इंटरनेट बंद नहीं होता है, बल्कि यूजरको 128kbps
की स्पीड से इंटरनेट मिलती रहती है. हालांकि अब यूजर्स को इंटरनेट
स्पीड को लेकर परेशान होना पड़ सकता है क्योंकि जियो ने इस स्पीड को घटाकर 64kbps
कर दिया है. मतलब कि एकदम आधा स्पीड कर दिया गया है. 64kbps की ये स्पीड हर डेटा प्लान पर लागू होगी और डेटा यूज की लिमिट खत्म होने
के बाद अब सिर्फ 64kbps की स्पीड मिलेगी. ऐसा क्यों किया है
कंपनी ने इसकी खुलासा नही किया गया है इंटरनेट के स्पीड का स्लो होने का एक और कारण जानते है.......
एक उदहारण के तौर पे जाने की....मान लिया जाय
आपको एक 5Mbps का प्लान मिला और आप का मोबाइल 5 Mbps के स्पीड में चल रहा है आप जैसे ही उसे hotspot से दुसरे device में जोड़ते है तो वह भी आपके 5 Mbps आपके मोबाइल से 2Mbps डाटा ले लेता है इस तरह जितने device में जोड़ेगे उतना
स्लो होता जाएगा...
इंटरनेट पे बैंडविड्थ का बहुत बड़ा महत्व है
इसे समझने का प्रयास करते है
धिकतम डाटा जो भेजा जा सकता है किसी नेटवर्क
पर एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर पर हर एक सेकंड के अंतराल पर उसे हम इन्टरनेट
बैंडविड्थ या फिर नेटवर्क बैंडविड्थ कहते है (इसको किलो बिट, मेगाबिट या गीगाबिट में मापा जाता है ).
बैंडविड्थ शब्द का अर्थ उस शब्द से बिलकुल अलग
है जो कंप्यूटर नेटवर्क में इस्तेमाल किया जाता है. बैंडविड्थ का इस्तेमाल उस
क्षेत्र में किया जाता है जहाँ इन्टरनेट सिगनल को प्रोसेस करने की जरुरत पड़ती है
जहाँ यह लगातार प्रोसेस हो रही frequency में न्यूनतम और
अधिकतम frequency के बिच अंतर दर्शाता है.
अब बात करते है इन्टरनेट बैंडविड्थ और
इन्टरनेट स्पीड के बिच अंतर की, दोस्तों आपके साथ ऐसा हो
सकता है की आपके पास high बैंडविड्थ हो लेकिन आपका इन्टरनेट
स्पीड बहुत ही ज्यादा स्लो हो इसका कारण कुछ भी हो सकता है जैसे नेटवर्क की कमी या
फिर आपके सिस्टम में कोई फिजिकल खराबी.
इस चीज़ को उदहारण के तौर पर समझते हैं मान
लीजिये की आपकी इन्टरनेट प्रोवाइडर ने आपको 50 mb की
बैंडविड्थ दी हुई है मतलब आप एकसेकंड में
50 mb की फाइल डाउनलोड कर सकते है लेकिन आपकी अधिकतम downloading
स्पीड सिर्फ 20 mb/sec तक ही मिल रही है,
इस case में आपकी बैंडविड्थ तो 50
mb/sec की है लेकिन आपकी इन्टरनेट स्पीड सिर्फ 20 mb/sec की ही है, इन्टरनेट स्पीड कम या ज्यादा हो सकती है
या यह भी हो सकता है की यह बैंडविड्थ के बराबर भी हो जाये.
कई सारे इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स होते है
है जो अलग अलग बैंडविड्थ अपने कस्टमर्स को प्रदान करते है और यह बैंडविड्थ downloading
और uploading के लिए अलग अलग होती है downloading
के लिए ज्यादा बैंडविड्थ तो uploading के लिए
कम बैंडविड्थ ऐसा इसलिए करते है क्योंकि अधिकतर लोग सिर्फ इन्टरनेट से डाटा डाउनलोड
करते हैं बजाय अपलोड करने के......
आज साइबर सुरक्षा का एक प्रोग्राम Digital Bihar Secure Bihar एवं Technotricky द्वारा मधेपुरा DRCC में लिया गया..... #Digital Bihar Secure Bihar #Technotricky
साइबर सुरक्षा के महत्त्व पर एक जागरूकता कार्यक्रम, सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों पर कार्यक्रम की एक श्रृंखला तथा साइबर खतरों को प्रबंधित करने तथा इनमें कमी लाने के लिये साइबर सुरक्षा हेल्थ टूल किट्स के साथ अधिकारियों की सक्षमता जैसे पक्षों को शामिल किया गया है....
आज Information Technology के इस युग में साइबर सुरक्षा को जानना बहुत जरुरी है....
भारत में साइबर सुरक्षा प्रणाली की आवश्यकता
महसूस करते हुए तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल
इंडिया’ के विज़न के अनुरूप, इलेक्ट्रॉनिक्स
एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस
डिविज़न (एनईजीडी) एवं उद्योग जगत के सहयोग से साइबर सुरक्षित भारत पहल की घोषणा
की गई....
आज हमलोग इंटरनेट के बिना कोई काम नहीं कर
सकते,धीरे-धीरे हर सेक्टर डिजिटल का रूप ले रही है....हर हाथ में एंड्राइड मोबाइल Facbook,WhatsApp,Instagram,Gmail,Bhim,etc....ऐसे बहुत मुद्दे जिस पर समय -समय पे एक साइबर सुरक्षा का प्रोग्राम होना जरुरी है,
इसी कड़ी में Digital Bihar Secure
Bihar,और #Technotrickyमधेपुरा में एक साइबर सुरक्षा के महत्त्व पर एक
जागरूकता कार्यक्रम की आगामी 10 जुलाई को स्थानीय DRCC में किया जाएगा...
अमेरिका ने बना दिया अब तक का सबसे ताकतवर सुपर कंप्यूटर
अमरीका ने हाल ही में 'Summit'
नाम का दुनिया का सबसे पावरफुल कंप्यूटर बनाया है। डेलीमेल की
रिपोर्ट के मुताबिक इस कंप्यूटर की परफॉर्मेंस सुनकर लोगों के होश उड़ जाएंगे।
दरअसल इस कंप्यूटर की पीक परफॉर्मेंस स्पीड 200 petaflops के
बराबर है। आसान भाषा में कहें तो यह कंप्यूटर 1 सेकेंड में 200
quadrillion यानि (1,000,000,000,000,000) कैलकुलेशन
कर सकता है। फिलहाल अमरीका के इस नए सुपर कंप्यूटर समिट' ने
चाइना के सबसे बड़े और दुनिया के अब तक के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर TaihuLight
को भी पीछे छोड़ दिया है। इस तरह से सुपर कंप्यूटर के क्षेत्र में
अमरीका एक बार फिर नंबर वन गया है...
4608 कंप्यूट सर्वर लगे हैं समिट में
समिट आईबीएम एसी922
सिस्टम है, जिसमें 4608 कंप्यूट
सर्वर लगे हुए हैं। प्रत्येक सर्वर में दो 22-कोर पावर9
प्रोसेसर और छह एनवीआईडीआईए टेस्ला वी100 ग्राफिक्स
प्रोसेसिंग यूनिट ऐक्सेलरेट लगे हैं, जो डुअल-रेल मेलानॉक्स
ईडीआर 100 जीबी/एस इनफिनिबैंड से इंटरकनेक्टेड हैं। समिट में
डाटा मूवमेंट के लिए हाई-बैंडविथ पथवे के अलावा 10 से अधिक
पेटाबाइट्स मेमोरी जोड़ी गई हैं। इससे डाटा मूवमेंट बहुत तेजी से होता है। इन्हीं
खूबियों से यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर बनकर उभरा है
इस प्रकार के अपराध सामान्यत: किसी सरकारी, निजी संस्था, कंपनी या किसी समूह के खिलाफ हो सकते
हैं. ये अपराध भी हैकिंग, क्रैकिंग द्वारा अथवा गैरकानूनी
ढंग से सूचनाओं को प्राप्त करने और उन का इस्तेमाल किसी संस्था या सरकार के
विरुद्ध कर के किए जाते हैं. पाइरेटेड सौफ्टवेयर का वितरण एवं अन्य प्रकार के
गैरकानूनी कंप्यूटर संबंधी कार्यों से संबंधित अपराध इस श्रेणी में आते हैं.
समाज के विरुद्ध
ये अपराध किसी व्यक्ति या संस्था के विरुद्ध
ही सीमित न रह कर संपूर्ण समाज को प्रभावित करते हैं. इस प्रकार के अपराधों में
पोर्नोग्राफी तथा अश्लील सामग्री या ट्रैफिकिंग जैसे अपराध शामिल होते हैं.
विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध
हैकिंग
यह सब से ज्यादा प्रचलित साइबर अपराध है.
सूचना प्रौद्योगिकी ऐक्ट 2000 में इस प्रकार के अपराधों
को बताते हुए कहा गया है, ‘‘जो भी जानबूझ कर या बिना जाने
किसी गलत कार्य द्वारा पब्लिक या व्यक्ति को हानि पहुंचाता है अथवा पहुंचाने का
प्रयास करता है उसे हैकिंग कहते हैं. इस प्रकार के अपराधों में कंप्यूटर पर ही
सूचनाओं को गैरकानूनी ढंग से अधिगृहीत कर नुकसान पहुंचाने का कार्य किया जाता है.’’
सुरक्षा से संबंधित अपराध
इंटरनैट तथा नैटवर्क की तेज रफ्तार से वृद्धि
के साथ नैटवर्क सुरक्षा बहुत महत्त्वपूर्ण हो गई है. निजी गुप्त सूचनाओं को आमजन
तक प्रचारितप्रसारित करना ही सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित अपराधों की श्रेणी में
आता है. यह कार्य नैटवर्क पौकेट स्निफर द्वारा किया जा सकता है जो संपूर्ण सूचनाओं
को छोटेछोटे टुकड़ों में बांट कर उन का पुन: वितरण और प्रचारप्रसार करते हैं. ये
नैटवर्क पौकेट स्निफर एक सौफ्टवेयर तकनीक को विकसित करते हैं तथा उपभोगकर्ता को
उपयोगी सूचनाएं ग्रहण करने हेतु खाता संख्या एवं पासवर्ड उपलब्ध करवाते हैं.
सुरक्षा व्यवस्था को इस से गंभीर खतरा उत्पन्न होता है.
इंटरनैट पर धोखाधड़ी
यह भी विशेष प्रकार का अपराध है. इंटरनैट
कंपनियां इंटरनैट पर अपने उत्पादों की मार्केटिंग करती हैं. खराब उत्पादों की
मार्केटिंग के लिए वे अपने ग्राहकों को गलत सूचनाएं दे कर उन्हें फंसाती हैं. इस
प्रकार की कई भ्रामक और धोखाधड़ी वाली स्कीम्स को औनलाइन इंटरनैट द्वारा
समाचारपत्र आदि द्वारा प्रस्तुत कर गबन करने के अनेक उदाहरण मिलते हैं.
क्रैडिट कार्ड धोखाधड़ी
यद्यपि इंटरनैट द्वारा मुद्रा का स्थानांतरण
और लेनदेन करना बहुत आसान हो गया है, वहीं इस
तकनीक ने कई प्रकार के साइबर अपराधों को जन्म भी दिया है. इन में मुख्य है,
क्रैडिट कार्ड धोखाधड़ी. इस प्रकार के अपराध में किसी कार्डधारक के
डिजिटल हस्ताक्षर बना कर उस के कोड नंबर की चोरी की जाती है. भारतीय सूचना
प्रौद्योगिकी ऐक्ट 2000 की धारा 73 के
अनुसार इस प्रकार के अपराधों के लिए 2 वर्ष तक का कारावास या
2 लाख रुपए जुर्माना अथवा दोनों दंड निर्धारित हैं.