इसके लिए आपको कंप्यूटर जानना जरुरी होगा लेकिन आज कल स्मार्ट मोबाइल के आने से ज्यादा आसान तरीके से आप खुद को कैश लेस कर सकते है
# अपने मोबाइल में अपने बैंक के app को Download करना
# अपने खाता का बारकोड जनरेट करना
# नेट बैंकिग के जरिये अपने बिजनेस का लेनदेन करना
वैसे डिजिटल पेमेंट करना बहुत आसान है लेकिन आपकी एक छोटी सी ग़लती के कारण आपका पैसा कोई और लेकर चंपत हो सकता है. डिजिटल वॉलेट, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के सुरक्षित इस्तेमाल के लिए कुछ बातें ध्यान में रखना ज़रूरी है.
पहली बात तो यही है कि डिजिटल वॉलेट और मोबाइल बैंकिंग से जुड़े सभी पासवर्ड को बहुत संभाल कर रखें. सबसे बढ़िया है कि अपने स्मार्टफ़ोन का हमेशा एक पासवर्ड रखें.
किसी भी वेबसाइट पर जहां पेमेंट करनी है उसके वेबसाइट के एड्रेस में https ज़रूर देख लीजिए. जो भी वेबसाइट सिक्योरिटी के लिहाज़ से पक्का है उसपर https होगा. जब ऑनलाइन उचक्के किसी बैंक की नक़ल करके या ऐसे फर्जी वेबसाइट बनाते हैं तो उनमें https कभी नहीं मिलेगा.
अपने ऑनलाइन स्टेटमेंट पर हमेशा नज़र रखिए. अगर ऐसा लगता है कि आपके अकाउंट से कोई ऐसी पेमेंट हुई है जिसे आप पहचान नहीं रहे हैं तो बैंक को तुरंत ख़बर कीजिये. हो सकता है कहीं कोई धीरे-धीरे आपका अकाउंट को खाली कर रहा हो......
क्या है VoLTE आज बात करते हैं LTE की जो आज
सबसे ज्यादा लोकप्रिय है.
LTE (Long-Term Evolution) मोबाइल फोन और
डेटा टर्मिनल्स के लिए हाई स्पीड वायरलेस कम्यूनिकेशन का एक स्टैंडर्ड है। LTE
को भले ही 4G LTE के तौर पर प्रचारित किया
जाता है, मगर यह भी माना जाता है कि यह 4G के पैमानों पर खरा नहीं उतरता। मगर फिर भी LTE को
दुनिया भर में 4G के तौर पर पहचाना जाता है। मूव करते LTE
से वक्त अधिकतम 100 से 150 मेगाबिट्स प्रति सेकंड की अधिकतम डेटा स्पीड मिल सकती है और स्थिर होने पर
1जीबी प्रति सेकंड की।
इंटरनेट प्रोटोकॉल या IP पर आधारित LTE नेटवर्क को ही VoLTE (Voice
Over Long Term Evolution) का नाम दिया गया है। दरअसल LTE के जरिए वॉइस कॉलिंग भी की जा सकती है। इसके लिए कैरियर्स को अपने वॉइस
कॉल नेटवर्क में बदलाव लाना पड़ता है।
GSM, UMTS और CDMA2000 (2G या 3G) में कॉलिंग 'सर्किट
स्विच्ड' होती है। यानी जब एक फोन से दूसरे में कॉल की जाती
है, दोनों टेलिफोन के बीच सेल्यूलर नेटवर्क के जरिए एक तरह
का सर्किट बनाना पड़ता है। यह सर्किट तब तक बना रहता है, जब
तक कॉल बनी रहे। मगर VoLTE में ऐसा इंजिनियर्ड नेटवर्क बनाया
जाता है, जो IP मल्टीमीडिया सबसिस्टम
नेटवर्क पर आधारित होता है। इसमें वॉइस कॉलिंग LTE से डेटा
के जरिए ही की जाती। इसमें 'सर्किट स्विच वॉइस नेटवर्क'
जैसा कुछ नहीं करना पड़ता। इसीलिए इसकी क्वॉलिटी भी अच्छी होती है।
ज्यादातर कंपनियां अभी वॉइस कॉलिंग के लिए 'सर्किट स्विच्ड' 2G या 3G
नेटवर्क इस्तेमाल कर रही हैं। मगर VoLTE में
वॉइस कॉल्स को 4G LTE के जरिए किया जाता है। आसान भाषा में
इसे यूं समझा जा सकता है कि आप डेटा की मदद से जिस तरह विभिन्न ऐप्स इस्तेमाल करते
हैं, उसी तरह से वॉइस कॉलिंग भी डेटा की मदद से होती है।
इसमें आवाज को एक ऐप की ही तरह डेटा के जरिए भेजा और रिसीव किया जाता है।
ज्यादातर कंपनियां अभी वॉइस कॉलिंग के लिए 'सर्किट स्विच्ड' 2G या 3G नेटवर्क
इस्तेमाल कर रही हैं। मगर VoLTE में वॉइस कॉल्स को 4G
LTE के जरिए किया जाता है। आसान भाषा में इसे यूं समझा जा सकता है
कि आप डेटा की मदद से जिस तरह विभिन्न ऐप्स इस्तेमाल करते हैं, उसी तरह से वॉइस कॉलिंग भी डेटा की मदद से होती है। इसमें आवाज को एक ऐप
की ही तरह डेटा के जरिए भेजा और रिसीव किया जाता है।
आज कल हम लोंग 4G के पीछे भाग रहें है क्या है ये “G” और इनसे जुड़ी वह सर्विस....?
‘G’ का मतलब है Generation (जिसे हम हिन्दी मे पीढ़ी लिखते है) Generation आपके mobile पर कौन सा level का network है उसे दर्शाती है। जितना नया ‘G’ होगा उतना ही Fast आपके mobile पर internet चल सकता है। लेकिन कई लोग ये ‘G’ के चक्कर में पड़कर महंगा mobile खरीद लेते है। Mobile खरीदने से पहले देख ले कि आपकी जरूरत कितनी है, और आपके आस पास उस Generation का signal भी आता है या नही।
चलिये एक-एक करके भारत में उपलब्ध हम सारी Generations
के बारे मे जानते है।
1G Networks
क्या है 1G….?? कभी
सुना है 1G के बारे में? सुनेगे कैसे
क्योकि अक्सर TV पर वही बातें बतायी जाती है जो बिकती है।
अभी सब लोग ‘4G 4G’ इसलिये कर रहे है, कि वो companio को लोगो कि जेब से ज्यादा पैसे निकालने मे ज्यादा मदद करता है।
अपने मुख्य मुद्दे पर आते है, 1G क्या है। 1G Network सबसे
पहला cellular network system माना जाता है। ये network
सिर्फ Voice calls के लिये बनाया गया था। (1G
signal Analog थे अगर आप signals के बारे में
कुछ जानते है तो समझ आ गया होगा)
2G Networks
2G पहले digital
cellular system है, जिसमें की बेहतर quality
की आवाज जाती है, और ये 1G से ज्यादा सुरक्षित भी है। 2G को ही हम GSM,
CDMA बोलते है (आपके mobile के box पर कही लिखा होगा GSM).
इस Network का
इस्तेमाल अभी भी ज्यादातर mobile networks मे होता है।
2.5G Networks
ये
शायद आपके लिये नया होगा ! 2.5 G network 2G का नया version है। इसकी speed लगभग 144kbit/s होती है।
2.5G को हम GPRS
कहते है। जब हम आम 2G internet की बात करते है
तो इस 2.5G के बारे में ही कह रहे होते है।
3G Networks
3G को हम “3rd generation” भी कहतें है ये network high
speed internet चलाने के लिये काम में आता है। 3G network आपको लगभग पूरे भारत में मिल जायेगा।
3G Network के
द्वारा आप बिना किसी दिक्कत के अपने mobile में तेजी से data
download कर सकते है। 3G को हम mobile
broadband भी कह सकते है, क्योकि इसकी speed
broadband की तरह काफी अच्छी होती है।
4G Network kya hai
4G का मतलब “4th generation” ये network सच
में बहुत तेज है, भारत के बड़े शहरों में 4G तेजी से फैल रहा है। 4G 3G से
कई गुन ज्यादा तेज है। और 4G का एक और रूप आता है 4G
LTE (Long Term Evolution) जिसे की हम असली 4G कह सकते है और 4G LTE की speed 3G से लगभग 10 गुना ज्यादा होती है...
विडियो कॉल के इस दौर में गूगल ने एक नए
वीडियो कॉल ऐप को ऐप्पल के फेसटाइम, माइक्रोसॉफ्ट
के स्काइप, वाइबर और अन्य वीडियो मैसेजिंग ऐप के टक्कर में
उतारा गया है. डुओ ऐप की मदद से यूज़र अपने फोन कॉन्टेक्ट के उन यूज़र को वीडियो
कॉल कर सकते हैं जिनके फोन में यह ऐप इंस्टॉल है. यह कमज़ोर नेटवर्क में भी काम कर
सकता है जो इस ऐप की सबसे अहम खासियत है…
इंद्रप्रस्थ एक
बहुत ही खुबसूरत और सुखी संपन्न राज्य के रूप में पांडव तैयार कराएं फिर कुछ दिनों
बाद राजसूय यज्ञ में भाग लेने के लिए दुर्योधन
भी इंद्रप्रस्थ पहुंचा था.
यहां आकर वह इंद्रप्रस्थ महल का वैभव देखकर हैरान था.. वह महल को इधर-उधर देखता
हुआ आगे बढ़ रहा था.. रास्ते में उसे एक ऐसा फर्श दिखा, जो
अपने आप में एक पानी का ताल लगता था। जब उसने उसे छुआ तो महसूस हुआ कि यह तो
पारदर्शी क्रिस्टल का है.. दूसरी ओर द्रौपदी और भीम एक झरोखे में खड़े होकर यह
पूरी घटना देख रहे थे। दुर्योधन को लगा कि जो भी ताल जैसा दिखता है, वह दरअसल फर्श है, जिस पर चला जा सकता है.. उसके बाद
उसने इस पर ध्यान देना छोड़ दिया। रास्ते में जब एक ताल आया तो दुर्योधन उसे भी
फर्श समझकर जैसे ही आगे बढ़़ा, वह पानी में गिर पड़ा… दुर्योधन की इस हालत पर द्रौपदी जोर से खिलखिलाकर हंस पड़ी.
और यही महाभारत के युद्ध का कारण बना…..(अगर
कोई कुछ जानता और समझता नहीं तो उस पर हँसना नहीं चाहिए उसे बताना चाहिए.)
महाभारत का युद्ध ना हो इसके लिए भगवान कृष्ण बहुत प्रयास किए धृतराष्ट्र
के पास शांति प्रस्ताव ले कर गए और अंत में सिर्फ 5 गाँव मांगे पर दुर्योधन
ने सुई के नोंक के बराबर भूमि देने से भी इंकार कर दिया और भगवान कृष्णा को बंदी
बनाने का भी प्रयास किया...धृतराष्ट्र सब सुन के भी ख़ामोश रहे....
सिर्फ गलत चीज न
करना ही महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि इसके साथ गलत घटते हुए को रोकना या कुछ गलत न होने देना भी उतना ही
महत्चपूर्ण है... हो सकता है कि हम सब कुछ न रोक पाएं, लेकिन
ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जिन्हें हम रोक सकते हैं.. हर
व्यक्ति को अपना धर्मयुद्ध अपने आस-पास और अपने भीतर जरूर लडऩा पड़ता है.. सबसे
पहले आप अपने भीतर व्याप्त भ्रष्टाचार से लडि़ए
आज लोग इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के इस युग में माइक्रोसॉफ्ट और एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम (Google)
को तो जानते ही है यह आज के इस दौर में सबसे महत्वपूर्ण कंपनी में
से एक है......जहा गूगल के CEO सुन्दर पिचय है वही अभी भारतीय मुल्क के सत्या नडेला माइक्रोसॉफ्ट के CEO हैं, वही Adobe System
के CEO सांतानु नारायण हैं.
आज इस शहर को बहुत कुछ मिला 5 साल के बाद इस शहर का नाम विश्व के नक़्शे में होगी, क्योंकि यहाँ दिल्ली
के AIIMS के बराबर Medical College खुलने
वाली है. Engineering College खुल चुकी है जो फिलहाल अभी S.N.P.M हाई स्कूल परिसर में है
और आने वाले वक़्त में Medical College के पास होने वाली .आने
वाले वक़्त में रेल इंजन कारखाना भी खुल रहा है.
यह बदलाव कोई मामूली
बदलाव नहीं है बल्कि आने वाले दशकों में यह इतिहास की एक नई ऊँचाई को छुने की पहली
सीढ़ी मालुम पडती है, आप सोच कर देखिये की क्या किसी बड़े शहर को इतना बड़ा सौगात
मिला है...
लेकिन जब हम मधेपुरा
वासियों को अगर ये मिला है तो क्या हम इसके लिए तैयार है....खुद को पहचानिये और आज
से ही कुछ अच्छा करने के लिए, आसमान को छुने की चाहत लेकर इसकी
तैयारी में लग जाए....
अगर कोटा में पढ़ के कोई IAS,IPS,Doctor,Engineer,बन जाता तो आज पुरे भारत में सबसे ज्यादा IAS,IPS, Doctor,Engineer कोटा का ही रहता लेकिन नहीं....
महत्वपूर्ण वह नहीं की हम कहा पढ़ रहे है
महत्वपूर्ण यह है की हम क्या पढ़ रहे है आज हमारे भारतीय विश्व के सबसे बड़ी कंपनियों
में अपना एक अलग पहचान बना रही है क्यों की उन्होंने शिक्षा को महत्व दिया.
अमेरिका की सिलिकॉन वैली में काम करना हर एक
आईटी प्रोफेशनल का सपना होता है. सिलिकॉन वैली को दुनिया का आईटी हब कहा जाता है
जहाँ पर दुनिया की 70% आईटी कंपनियां काम करती है पर
आपको जानकर हैरानी होगी की यहाँ पर काम करने वाले कुल 8% टेक्नीशियन
भारत के है लेकिन स्टार्टअप करने वाली कंपनियों में 17% भारतीय
है जो भारत के लिए गर्व की बात है. इसलिए कहा जाता है की आईटी में भारतीयों का अब
दुनिया में दबदबा बढ़ रहा है. जब सिलिकॉन वैली में इतने भारतीय है तो स्वाभाविक है की
वहां पर भारतीय सफल भी हुए हो… तो आज हम आपको बता रहे है उन
बड़े प्रोफेशनल्स के बारे में जिन्होंने सिलिकॉन वैली में स्थित टॉप आईटी कंपनियों
में ऊँचा शिखर पाया है.
पदमश्री वारियर
1961 में भारत के विजयवाडा में जन्मी पदमश्री
वर्तमान में सिस्को सिस्टम्स की चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर है। दिल्ली के आईआईटी से
ग्रेजुएट पदमश्री ने अपने करियर की शुरुआत मोबाइल कंपनी मोटोरोला से की
जिसमे उन्होंने 23 वर्ष तक काम किया था। आज पदमश्री सिलिकॉन
वैली में सबसे सफल महिलाओं में से एक है जो किसी कंपनी में सबसे ऊँचे पदों पर है।
विनोद खोसला
सन माइक्रोसिस्टम्स कंपनी जिसका Java DB MySQL,Oracle इत्यादि सोफ्ट्वेयर के को-फाउंडर विनोद
खोसला सिलिकॉन वैली में एक अन्य प्रसिद्ध भारतीय है जिन्होंने अपने करियर की
शुरुआत ही सिलिकॉन वैली से की है। भारत की राजधानी दिल्ली में जन्मे खोसला आईआईटी
दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट है।1980 में उन्होंने में मास्टर
डिग्री के बाद उन्होंने दो साल के भीतर अपने दो और अन्य साथियो के साथ
सनमाइक्रोसिस्टम्स की स्थापना की।
रूचि संघवी
रूचि संघवी पहली
महिला थी जिन्हें सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने प्रोडक्ट मेनेजर के तौर पर
नौकरी दी थी। फेसबुक के न्यूज़ फीड के निर्माण में रूचि संघवी की ही मेहनत है। 2011 में रूचि ने फेसबुक छोड़ कर
अपने कोव नाम से कंपनी बनाई जिसे ड्रापबॉक्स ने खरीद लिया था।
दीपक आहूजा
टेस्ला और
स्पेसएक्स जैसी कंपनी सिलिकॉन वैली में एक जानी पहचानी कंपनी है। दीपक आहूजा ने
फोर्ड कंपनी में कई सालो तक काम करने के बाद टेस्ला को ज्वाइन किया था जिसके बाद
कंपनी ने नयी उंचाइयो को छुआ। बनारण हिन्दू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट आहूजा ने 1993 में अमेरिका का रुख किया। 2015
में आहूजा ने टेस्ला को छोड़ने की घोषणा कर दी जो इलेक्ट्रिक कार
इंडस्ट्री में क्रांति लाने वाली कंपनियों में शुमार है.
यहाँ इन लोगों
का नाम इसलिए लिया गया की ये अपने मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किये... आप भी
कर सकते है बस जरुरत है लगन,मेहनत और सही मार्गदर्शन की...तो चले आज से ही खुद को
बदले….
असंभव कुछ भी नहीं जब चाहत हो तो सब संभव है
इस बात को ब्रायन ऐक्टन (Brian Acton) ने साबित कर दिए
.... Brian Acton और हम सब का सबसे लोकप्रिय App…
whatsapp के Co-Founder है उन्होंने 2009 में जॉब के लिये Facebook में अप्लाई किया वो Facebook
कंपनी में जॉब करना चाहते थे लेकीन उनको वहा से रिजेक्ट किया गया.
बाद में उन्होंने ट्विटर पर भी जॉब के लिये कोशिश की लेकीन वहा भी उनके हाथ में
निराशा ही आयी. जब किसी के साथ ऐसा बार – बार होता है तब उसे
अपनी योग्यता पे, अपने Talent पे शक
होने लगता है. बहुत से लोग अपनी जिंदगी से हार मान लेते है. परेशान होकर तनाव में
आ जाते है.
लेकीन ब्रायन ऐक्टन को खुद पर विश्वास था. कुछ
कर दिखाने की इच्छा थी. उनके अंदर खुद को साबित करने की आग थी. उन्होंने दुसरे
लोगों की तरह हार मानने की जगह, परेशान होने की जगह अपने
दोस्त जेन कूम (jan koum) के साथ मिलकर रात-दिन मेहनत करके
एक ऐसा अप्लीकेशन बना डाला जिसे पूरी दुनिया ने सर पर बिठा दिया.
व्हाट्सअप अप्लीकेशन बनाने के पहले जिस Facebook
कंपनी ने WhatsApp अप्लीकेशन बनाने वाले
ब्रायन ऐक्टन को रिजेक्ट किया था उसी को ठीक 5 साल बाद 2014 में फेसबुक कंपनी ने ब्रायन ऐक्टन के WhatsApp अप्लीकेशन
को 19 बिलियन डॉलर यानी भारतीय रुपयों में एक लाख करोड़ से भी
ज्यादा रुपयों में खरीदा. ब्रायन ऐक्टन जिस कंपनी में काम मांगने गये थे आज उसी
कंपनी के मेजर शेयर होल्डर बन गये.
जिसे खुद पर विश्वास हो मेहनत करने की तैयारी
हो उसे हर हाल में सफलता मिलती है. आप अपनी असफलता को किस तरह लेते है. इसपर आपकी
सफलता निर्भर करती है. अगर हम अपनी असफलता को एक मौका समझकर आगे बढ़ने की उपयोग में
लेते है तो आपको एक ना एक दिन सफलता जरुर मिलेंगी.
आज लगभग हर हाथ में इंटरनेट है भारत इंटरनेट का
प्रयोग करने वाला दुनियॉ का तीसरा देश है. आप अपने
कंप्यूटर, मोबाइल आदि से कहीं न कहीं इंटरनेट से जुडें हैं
इसलिये साइबर क्राइम, साइबर अपराध, साइबर-आतंकवाद
जैसे शब्दों के बारे में आपका जानना बहुत जरूरी है.
साइबर क्राइम कई प्रकार का होता है:-
निजी जानकारी चुराना :-
इसे साधारण भाषा में हैकिंग कहते हैं, इससे
साइबर अपराधी आपके कंप्यूटर नेटवर्क में प्रवेश कर आपकी निजी जानकारी जैसे - आपका
नेट बैंकिग पासवर्ड, आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारी आदि को चुरा
के आपको हानी पंहुचा सकता है. इस तरह का कोई भी निजी जानकारी
आप अपने मोबाइल में भी नहीं रखें.
कई तरह के आपको फर्जी ईमेल आदी भेजकर ठगा जा
सकता है,
कभी भी इस तरह का कोई ईमेल पे ध्यान ना दे .
मैलवेयर सुरक्षा और बचाव के लिए इस लिंक पे क्लीक
कर के फ्री में Anti-Malware सॉफ्टवेयर डाउनलोड
कर सकते है.https://www.malwarebytes.org/
üवायरस
फैलाना
साइबर अपराधी कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर आपके
कम्प्युटर पर भेजते हैं जिसमें वायरस छिपे हो सकते हैं, इनमें वायरस, वर्म, टार्जन
हॉर्स, लॉजिक हॉर्स आदि वायरस शामिल हैं, यह आपके कंप्यूटर को काफी हानि पंहुचा सकता है.
इसलिए अपने कंप्यूटर को हमेसा एंटी-वायरस इंस्टोल कर अपडेट रखें.
üसॉफ्टवेयर
पाइरेसी
सॉफ्टवेयर की नकली तैयार कर सस्ते दामों में
बेचना भी साइबर क्राइम के अन्तर्गत आता है, इससे
साफ्टवेयर कम्पनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है साथ ही साथ आपके कीमती उपकरण
भी ठीक से काम नहीं करते हैं. ऐसे सॉफ्टवेयर से बचें……
üफर्जी
बैंक कॉल-
आपको जाली ईमेल, मैसेज
या फोनकॉल प्राप्त हो जो आपकी बैंक जैसा लगे जिसमें आपसे पूछा जाये कि आपके एटीएम
नंबर और पासवर्ड की आवश्यकता है और यदि आपके द्वारा यह जानकारी नहीं दी गयी तो आपका
खाता बन्द कर दिया जायेगा या इस लिंक पर सूचना दें आदि. याद रखें
किसी भी बैंक द्वारा ऐसी जानकारी कभी भी इस तरह से नहीं माँगी जाती है और भूलकर भी
अपनी किसी भी इस प्रकार की जानकारी को इन्टरनेट या फोनकॉल या मैसेज के माध्यम से
नहीं बताये.
üसोशल
नेटवर्किग साइटों पर अफवाह फैलाना
बहुत से लोग सोशल नेटवर्किग साइटों पर सामाजिक, वैचारिक, धार्मिक और राजनैतिक अफवाह फैलाने का काम
करते हैं, लेकिन यूजर्स उनके इरादें समझ नहीं पाते हैं और
जाने-अनजाने में ऐसे लिंक्स को शेयर करते रहते हैं, लेकिन
यह भी साइबर अपराध और साइबर-आतंकवाद की श्रेणी में आता है.
üसाइबर
बुलिंग
फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग
पर अशोभनीय कमेंट करना, इंटरनेट पर धमकियॉ देना या किसी
का इस स्तर तक मजाक बनाना कि तंग हो जाये, इंटरनेट पर
दूसरों के सामने शर्मिंदा करना, इसे साइबर बुलिंग कहते हैं ।
अक्सर बच्चे इसका शिकार होते हैं… इन सब से बचें...........
अगर कृष्ण चाहते तो महाभारत का युद्ध कुछ पल
में खत्म कर देते लेकिन वह कर्मभूमि और धर्मभूमि था वहा तो महारथी
भीष्म,द्रोणाचार्य,अश्वत्थामा, दुर्योधन,शकुनि ,कर्ण
इत्यादि यहाँ तो सब को अपना दाव आजमाना था हर कोई इस युद्ध को जितना चाहता
था.लेकिन यह तो कर्मभूमि था जहां धर्म के रथ पे सवार भगवान कृष्ण सब को अपना-अपना
दाव आजमाने देना चाहते थे देखना चाहते थे की इस कर्मभूमि में कौन - कौन अपना युद्ध
कौशल दिखा सकते थे, कान्हा सब को बारी-बारी से परखना चाहते थे.और जब कर्ण इस युद्धभूमि
में उतरे तो कान्हा अर्जुन को कर्ण से दूर ही रखें क्योकि वह जानते थे की अर्जुन
को परास्त सिर्फ कर्ण ही कर सकते थे .लेकिन कर्ण सत्य का पुजारी कान्हा ,की आंखों और चातुर्यता की भेंट
चढ़ गया,इस दौरान का वह प्रसंग भी तो हैरत करने वाला
ही था,
जब कर्ण बाण मारता तो अर्जुन का रथ 5 फीट पीछे
जाता, और जब अर्जुन बाण मारता तो कर्ण का रथ 10 फीट पीछे चला जाता. इस पर कर्ण के बाण पर कान्हा कहते “वाह कर्ण वाह...” यह
देखकर अर्जुन हैरत में पड़ जाता है और वह कहता है कि ‘हे
कान्हा आखिर मेरे बाण का असर तो ज्यादा दिखाई दे रहा है फिर कर्ण के बाण पर आप उसे
वाह-वाह क्यों दे रहे हैं’, तो कान्हा कहते हैं ‘अर्जुन तेरे रथ पर तो मैं और हनुमान बैठे हैं, तब भी
पांच फीट जा रहा है, उसके रथ पर तो कोई नहीं है’ यह सुन अर्जुन हैरान हो गया.आखिरी में उसका रथ कीचड़ में फंस जाता है,
और अर्जुन वहीं पर उसका वध कर दिया वह युद्धभूमि में मर कर भी अमर
हो गया.
राम-रावण की लड़ाई में भी युद्धभूमि में भी जब राम
ने रावण को मारा तो जब वह तड़प रहे थे तभी राम
लक्ष्मण के पास गए और बोले जाओ और सफल
राज-काज के गुर उनसे सिखों क्योकि रावण कोई मामूली योद्धा नहीं थे,क्योकि राम
जानते थे कि रावण एक विद्वान और प्रतापी राजा थे इसलिए वह लक्ष्मण को कुछ सिखने के
लिए वहा भेजें और तो लक्ष्मण रावण के सर
के पास खड़े हो गये किन्तु रावण ने कोई जवाब नहीं दिए फिर राम ने लक्ष्मण को सिख
दिए की “अगर किसी से कुछ सीखना हो तो उसके
चरणों में रहकर सिखा जाता है” फिर लक्ष्मण ने
शिष्टाचार के साथ उनके चरण के पास खड़े हुए तब रावण उन्हें कई निति और नियमो
की सिख दी |
आज भावनाओं के खेल वास्तविकता के धरातल पर
चकनाचूर हो जाते हैं और सपने हकीकत तभी बनते हैं, जब
उसके लिए दृढ़ इच्छा शक्ति और असीम त्याग करना पड़ता है आज भी यह एक कर्मभूमि है
जहां मुझे विश्वास है की यहाँ भी जीत उसी की होगी जो कर्म करेगा निस्वार्थ भाव से.
छल,कपट प्रतिस्पर्धा,इंटरनेट,फेसबुक ,व्हाट-आप के बिच हमारे ये बच्चें जो इन सब के
बिच अपना भविष्य का निर्माण करेगा वही सबसे बड़ा योद्धा कहलायेगा.और इस कर्मभूमि
में जीत भी उसी की होगी ये मेरा विश्वास है आज कल के बच्चें भी कुछ करना चाहते है
एक परिवर्तन लाना चाहते है खुद में और इस समाज में.अब ये परिवर्तन हो के रहेगा.