आज नहीं ये काम चलो कल कर लेंगे
आज नहीं ये काम चलो कल कर लेंगे
उसके चहरे से आँखों को कल भर लेंगे
उस आहात पर कल मर लेंगे
कल उसे ऐसा कह देंगे
कल उसे ऐसा सुन लेंगे
यह काम कल निपटा लेंगे
जो गीत नहीं हम होठों पर आ पाया आज
वो गीत चलो कल गा लेंगे
कल ज़ख्म यह सब भर जायेंगे
यह दुबला अश्क़ो में
कल जब खुशिया घर आएंगे
हम जे भर कर मुस्का लेंगे
जो आज गवाया है हमने
कल उससे बेहतर पा लेंगे
जो कुछ होता है आज उसे हो जाने दो
कल सब अच्छा हो जायेगा
हर ज़ख्म हर एक दुःख दर्द
कलम सो जायेगा खो जायेगा
पर जन मेरी कल आएगा......
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