साइबर क्राइम

by - 10:58 PM


आज लगभग हर हाथ में इंटरनेट है भारत इंटरनेट का प्रयोग करने वाला दुनियॉ का तीसरा देश है. आप अपने कंप्‍यूटर, मोबाइल आदि से कहीं न कहीं इंटरनेट से जुडें हैं इसलिये साइबर क्राइम, साइबर अपराध, साइबर-आतंकवाद जैसे शब्‍दों के बारे में आपका जानना बहुत जरूरी है.
साइबर क्राइम कई प्रकार का होता है:-
निजी जानकारी चुराना :-
इसे साधारण भाषा में  हैकिंग कहते हैं, इससे साइबर अपराधी आपके कंप्‍यूटर नेटवर्क में प्रवेश कर आपकी निजी जानकारी जैसे - आपका नेट बैंकिग पासवर्ड, आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारी आदि को चुरा के आपको हानी पंहुचा सकता है. इस तरह का कोई भी निजी जानकारी आप अपने मोबाइल में भी नहीं रखें.
कई तरह के आपको फर्जी ईमेल आदी भेजकर ठगा जा सकता है, कभी भी इस तरह का कोई ईमेल पे ध्यान ना दे .
मैलवेयर सुरक्षा और बचाव के लिए इस लिंक पे क्लीक कर के फ्री में Anti-Malware सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर सकते है. https://www.malwarebytes.org/
ü वायरस फैलाना
साइबर अपराधी कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर आपके कम्प्युटर पर भेजते हैं जिसमें वायरस छिपे हो सकते हैं, इनमें वायरस, वर्म, टार्जन हॉर्स, लॉजिक हॉर्स आदि वायरस शामिल हैं, यह आपके कंप्‍यूटर को काफी हानि पंहुचा सकता है. इसलिए अपने कंप्यूटर को हमेसा एंटी-वायरस इंस्टोल कर अपडेट रखें.  
ü सॉफ्टवेयर पाइरेसी
सॉफ्टवेयर की नकली तैयार कर सस्‍ते दामों में बेचना भी साइबर क्राइम के अन्‍तर्गत आता है, इससे साफ्टवेयर कम्पनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है साथ ही साथ आपके कीमती उपकरण भी ठीक से काम नहीं करते हैं. ऐसे सॉफ्टवेयर से बचें……
ü फर्जी बैंक कॉल-
आपको जाली ईमेल, मैसेज या फोनकॉल प्राप्‍त हो जो आपकी बैंक जैसा लगे जिसमें आपसे पूछा जाये कि आपके एटीएम नंबर और पासवर्ड की आवश्यकता है और यदि आपके द्वारा यह जानकारी नहीं दी गयी तो आपका खाता बन्‍द कर दिया जायेगा या इस लिंक पर  सूचना दें आदि. याद रखें किसी भी बैंक द्वारा ऐसी जानकारी कभी भी इस तरह से नहीं माँगी जाती है और भूलकर भी अपनी किसी भी इस प्रकार की जानकारी को इन्‍टरनेट या फोनकॉल या मैसेज के माध्‍यम से नहीं बताये.
ü सोशल नेटवर्किग साइटों पर अफवाह फैलाना
बहुत से लोग सोशल नेटवर्किग साइटों पर सामाजिक, वैचारिक, धार्मिक और राजनैतिक अफवाह फैलाने का काम करते हैं, लेकिन यूजर्स उनके इरादें समझ नहीं पाते हैं और जाने-अनजाने में ऐसे लिंक्‍स को शेयर करते रहते हैं, लेकिन यह भी साइबर अपराध और साइबर-आतंकवाद की श्रेणी में आता है.
ü साइबर बुलिंग
फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग पर अशोभनीय कमेंट करना, इंटरनेट पर धमकियॉ देना या किसी का इस स्‍तर तक मजाक बनाना कि तंग हो जाये, इंटरनेट पर दूसरों के सामने शर्मिंदा करना, इसे साइबर बुलिंग कहते हैं । अक्‍सर बच्‍चे इसका शिकार होते  हैं इन सब से बचें...........
साइबर क्राइम एक बहुत बड़ा क्राइम है इससे बचें और इस लिंक पे क्लीक कर पूरा पढ़ सकते है http://deity.gov.in/content/cyber-laws-security



याद रहें अपराध छोटा हो या बड़ा अपराध अपराध होता है………

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