सबसे ताकतवर कंप्यूटर माना जाता है।

by - 7:21 PM

दिमाग को सबसे ताकतवर कंप्यूटर माना जाता है। अब वैज्ञानिकों ने काफी छोटे साइज की एक ऐसी मशीन बनाई है, जो इंसानी दिमाग की तरह काम करती है। साथ ही इस मशीन का इस्तेमाल भविष्य के कंप्यूटरों को और सक्षम बनाने में हो सकेगा। कुछ वैज्ञानिक इसे बीमारियों के इलाज में भी मददगार मान रहे हैं। जापान के सुकुबा स्थित नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मैटिरियल साइंस के रिसर्चर अनिरबन बंदोपाध्याय ने बताया कि अब तक इस मशीन को नहीं बनाया जा सका है। इसे 'Nano brain' कहा जा रहा है।

अब तक इस मशीन ने साधारण कंप्यूटर से करीब 16 गुना अधिक क्षमता दिखाई है। मगर रिसर्चरों का दावा है कि यह साधारण कंप्यूटर से करीब 1000 गुना ज्यादा सक्षम है। रिसर्चरों ने यह भी कहा कि यह न सिर्फ एक ताकतवर कंप्यूटर की तरह काम करेगी, बल्कि यह फैक्ट्रियों या माइक्रोस्कोपिक डॉक्टरों के लिए जटिल गैजट्स पर नियंत्रण का काम भी करेगी।

बंदोपाध्याय ने बताया कि इस मशीन को duroquinone नाम के कंपाउंड से बनाया गया है। इस कंपाउंड का आकार एक नैनोमीटर (मीटर का एक अरबवां भाग) से कम होता है। इस तरह यह साइज देख सकने के आकार से करीब 100 गुना कम होता है। यह मशीन ड्यूरोक्विनोन के 17 अणुओं से मिलकर बनाई गई है। अणुओं से बनी रिंग में 16 अणुओं के बीच में एक अणु है। यह पूरी रिंग गोल्ड की सतह पर फिट होती है। रिंग के बीच में स्थित ड्यूरोक्विनोन के अणु में इलेक्ट्रिक करंट दिया जाता है। इस तरह यह करंट, जिसे हम संदेश भी कह सकते हैं, बाकी ड्यूरोक्विनोन तक पहुंचता है। रिसर्चरों के मुताबिक इस डिजाइन को दिमाग की कोशिकाओं जैसा बनाया गया है। दिमाग की कोशिकाओं में भी पेड़ की शाखाओं की तरह ही एक-दूसरे की बीच संबंध होता है। बंदोपाध्याय कहते हैं कि इन्हीं कनेक्शनों की वजह से दिमाग इतना पावरफुल होता है।

बंदोपाध्याय को उम्मीद है कि भविष्य में इसका इस्तेमाल मेडिकल साइंस में भी हो सकेगा। इस मशीन को ब्लड में डालकर शायद शरीर के अंदर मौजूद ट्यूमर को भी खत्म किया जा सकता है। फिलहाल इस मशीन में एक इलेक्ट्रिकली कंडक्टिव नीडल (सुई) से करंट को प्रवाहित किया जाता है। बंदोपाध्याय के मुताबिक भविष्य में इस मशीन को और मजबूत बनाया जाएगा और इसमें 1024 ड्यूरोक्विनोन का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तरह तब यह मशीन एक बार में 1,024 निर्देशों को समझ सकेगी।

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