जाने GPS के बारें में
28 April 2016...आईआरएनएसएस-1जी को दोपहर 12.50 बजे ध्रुवीय सैटेलाइट प्रक्षेपण
यान (पीएसएलवी सी-33) के जरिए लॉन्च किया गया है। सैटेलाइट
को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से लॉन्च किया
गया।
आईआरएनएसएस-1 जी
का वजन 1425 किलोग्राम है और यह पूर्ववर्ती उपग्रहों के ही
समान है। इसमें भी दो पे-लोड एक नैविगेशन पे-लोड और दूसरा रेंजिंग पे-लोड है।
इन्हें एल-5 और एस बैंड पर परिचालित किया गया। प्रणाली के
सक्रिय होने के बाद देश के 1500 किलोमीटर के दायरे में 15 से 20 मीटर तक की पोजिशनिंग सर्विसेज मिलने लगेंगी।
GPS सपोर्ट वाली डिवाइस जैसे मोबाइल फ़ोन GPS
के लिए रिसीवर का काम करता है और ऐसे में हमारा फ़ोन सबसे पहले किसी
नजदीकी 4 सैटेलाइट से कनेक्ट होकर उनसे सिग्नल रिसीव करता है
और उनसे प्राप्त जानकारियों के अनुसार लोकेशन और सभी रास्तों का पता लगाता है और
बहुत से सुविधा के साथ
शुरआत में ये सिर्फ आर्मी के लिए इस्तेमाल
किया जाता था लेकिन अब ये कई क्षेत्र में इस्तेमाल होता है जिनमे एस्ट्रोनॉमी, कार्टोग्राफी, ऑटोमेटेड व्हीकल्स, मोबाइल फ़ोन्स, फ्लीट ट्रैकिंग, जियोफेंसिंग, जियो टेगिंग, GPS एयरक्राफ्ट ट्रैकिंग, डिजास्टर रिलीफ, इमरजेंसी सर्विसेज, व्हीकल्स के नेविगेशन, रोबोटिक्स, टेक्टोनिक्स शामिल के साथ साथ
हम लोगों के मोटरसाइकिल और कारों के लिए भी
बहुत नए सुविधा ले कर आई हैं......
उम्मीद है जागरूक पर कि ये जानकारी आपको पसंद
आयी होगी और आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी.....
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