कुसाहा त्रासदी 2008
आज 9 साल हो गए...जो उस वक़्त बच्चें थे आज के इस बाढ़ में सेल्फी लेते नज़र आ रहे
है...आज उन बच्चें के लिए उस वक़्त की थोड़ी जानकारी और कुछ तस्वीरें ....
18 अगस्त की शाम जब पता चला की कुसहा (नेपाल) तटबंध टूट चुका और रातों-रात बाढ़
का पानी नित्य नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा था.. 16 जिलों
में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका था, इससे लगभग 40 लाख लोग प्रभावित हुए थे,हजारों की संख्या में लोग बाढ़ से लापता हो गए,
लाखों पशु भी बह चुके,18 अगस्त को भारतीय सीमा
से ऊपर 12 कि.मी. की दूरी पर स्थित कुसहा (नेपाल) नामक स्थान
पर कोशी का पूर्वी बांध टूट गया... उस समय कोसी में 1 लाख 85
हजार क्यूसेक पानी बह रहा था.. देखते ही देखते वीरपुर, बलुआ, छातापुर, त्रिवेणीगंज,
प्रतापगंज, मधेपुरा आदि स्थानों पर तीन फीट से
15 फीट तक पानी बहने लगा। बांध पहले डेढ़ किलोमीटर टूटा था
और फिर प्रतिदिन दो सौ मीटर की रफ्तार से हो रही दरार की लम्बाई लगातार बढ़ती गई। 30
अगस्त को ढाई लाख क्यूसेक पानी कोसी के परिवर्तित मार्ग पर बह चला.
जिससे स्थिति और भी भयावह हुई है। ज्ञातव्य है कि कोसी में नौ लाख
क्यूसेक तक पानी बहता है। अगर ये सारा पानी अपना मूल प्रवाह छोड़कर मुड़ गया होता
तो उसकी कल्पना मात्र से ही रोम-रोम सिहर उठता है। बाढ़ के पानी ने मधेपुरा की 126
पंचायतों, सहरसा की 52, सुपौल
की 76, अररिया की 42 एवं पूर्णिया की 26
पंचायतों को अपने आगोश में ले चुका था......
मधेपुरा
के गमहरिया, सिंधेश्वर, कुमारखण्ड, आलमनगर, बिहारीगंज इत्यादि पूरी तरह जलमग्न हो गए...
मधेपुरा शहर में भी 6 से 8 फीट तक पानी
भर गया था...
उस पल की
कुछ दर्दनाक यादों का विडियो और फ़ोटो...और इन फोटो में कुछ जाने पहचाने चेहरे भी मिल जायेगे...
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