राष्ट्रपति महोदय रामनाथ कोविंद
*सबसे पहला बधाई मुख्यमंत्री नितीश कुमार को
जिन्होंने पहला समर्थन दिए.....*
राष्ट्रपति महोदय रामनाथ
कोविंद की शख्सियत के अनछुए पहलुओं के बारे में आज कुछ जाने.....
रामनाथ कोविंद की पहचान एक दलित चेहरे के रूप
में अहम रही है. छात्र जीवन में कोविंद ने अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए काम किया.
12 साल की सांसदी में कोविंद ने शिक्षा से
जुड़े कई मुद्दों को उठाया. ऐसा कहा जाता है कि वकील रहने के दौरान कोविंद ने
ग़रीब दलितों के लिए मुफ़्त में क़ानूनी लड़ाई लड़ी.
कोविंद की शादी 30 मई 1974 को सविता कोविंद से हुई थी. इनके एक बेटे
प्रशांत हैं और बेटी का नाम स्वाति है.
कानपुर देहात परौख गांव में कोविंद अपना पैतृक
मकान बारातशाला के रूप में दान कर चुके हैं। बड़े भाई प्यारेलाल व स्वर्गीय
शिवबालक राम हैं। रामनाथ कोविंद इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी
के साथ महामंत्री रह चुके हैं। अगस्त 2015 में
बिहार के राज्यपाल के तौर पर भी उनके नाम की घोषणा अचानक ही हुई थी।कोविंद लगातार 12
वर्षों तक राज्यसभा सांसद रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय
प्रवक्ता भी रहे हैं।
कानपुर नगर के बीएनएसडी से इंटरमीडिएट परीक्षा
उत्तीर्ण करने के बाद DAV
College, Kanpur ( यह कॉलेज पहले ही एक प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारी
बाजपेयी और अब राष्ट्रपति दिए.) से बी कॉम व डीएवी लॉ कालेज से विधि स्नातक की
पढ़ाई पूरी की। इसके बाद दिल्ली में रहकर आईएएस की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास
की। मुख्य सेवा के बजाय एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी ठुकरा दी। रामनाथ गोविंद
एक साधारण परिवार से आते हैं उनके भतीजे पंकज की कानपुर देहात झींझक के पास कपड़ों
की दुकान है...
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