यह प्रकितिक का बदला है हम लोगों के साथ

by - 11:38 AM


कुछ समझ में नहीं आता की आज क्या लिखें पर एक कड़वा सच लिखने जा रहा हूँ
अभी के हालात से हर इंसान डरा हुआ हैं
आने वाला वक़्त कैसा होगा...? यह कोई नहीं कह सकता सिर्फ इंतजार के....
आज हर चेहरे पे कोरोना वायरस के डर से सहमा हुआ हैं
आज हम इंसान का अस्तित्व ही ख़तरे में नज़र आता हैं
यह प्रकितिक का बदला है हम लोगों के साथ एक चेतावनी भी की अब भी वक़्त है इस धरती को बचाने हैं 

दुनिया की आबादी किस तेजी से बढ़ रही है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 1800 में दुनिया की आबादी थी 100 करोड़. जो 2018 में बढ़कर हो गई 761 करोड़. ग्लोबल पॉपुलेशन में पिछले छह दशकों में सबसे ज्यादा तेजी आई है. पिछले छह दशक में आबादी 120 फीसदी बढ़ी है. 1960 में दुनिया की आबादी 300 करोड़ थी.
वही अगर हम पर्यावरण की बात करें तो एक हफ्ते में हमारी धरती पर से पांच लाख हैक्टेयर में फैला जंगल साफ कर दिया जा रहा है।संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल धरती पर से एक प्रतिशत जंगल का सफाया किया जा रहा है । जो पिछले दशक से पचास प्रतिशत ज्यादा है...
टेक्नोलॉजी के पीछे भागता यह दुनिया
आगे और ना जाने कैसा भयानक रुख लेगा इसकी कल्पना भी अभी हम नहीं कर सकते
बस हमलोग सतर्क रहे सावधान रहें और एक दुसरे का ख्याल रखें..

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