आप हर रोज अपने कंप्यूटर पे कट,कॉपी, पेस्ट
आप हर रोज अपने कंप्यूटर पे "कट, कॉपी, पेस्ट"....का प्रयोग जो करते है... वह
देने वाले वैज्ञानिक लैरी टेस्लर अब नहीं रहें....
उनका निधन हो गया वह 74 वर्ष के थे। टेस्लर ने
1960 के दशक की शुरुआत में सिलिकॉन वैली में काम करना शुरू किया था। यह वो दौर था
जब कंप्यूटर ज्यादातर लोगों की पहुंच से कोसों दूर था....
कंप्यूटर और इंटरनेट के ज़माने में कट, कॉपी, पेस्ट (CUT, COPY, PASTE) की पग-पग पर जरूरत पड़ती है। इस कमांड के बिना कंप्यूटर पर काम करना मुमकिन
नहीं। कट, कॉप और पेस्ट यूजर इंटरफेस यानी UI को ईजाद करने वाले कंप्यूटर साइंटिस्ट का नाम लैरी टेस्लर था। उनका आज
निधन हो गया है। वह 74 वर्ष के थे। टेस्लर ने 1960 के दशक की शुरुआत में सिलिकॉन वैली में काम करना शुरू किया था। यह वो दौर
था जब कंप्यूटर ज्यादातर लोगों की पहुंच से मीलों दूर था।
कैलिफोर्निया के स्टैंफर्ड यूनिवर्सिटी से की
पढ़ाई
लैरी टेस्लर का जन्म न्यूयॉर्क में हुआ था।
उन्होंने कैलिफोर्निया के स्टैंफर्ड यूनिवर्सिटी में ह्यूमन कंप्यूटर इंटरेक्शन की
पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने यूजर इंटरफेस डिजाइन में एक्सपर्टाइज हासिल
की। इस दौरान उन्होंने यूजर के लिए कंप्यूटर को और आसान बनाना सीखा। 1973 में उन्होंने Xerox Palo Alto Research Center (PARC) ज्वाइन किया। यहीं से शुरू होती है कट, कॉपी और
पेस्ट यूजर इंटरफेस की कहानी।
टेस्लर ने PARC में
टिम मॉट के साथ मिल कर जिप्सी टेक्स्ट एडिटर तैयार किया। इसी जिप्सी टेक्स्ट एडिटर
में उन्होंने टेक्स्ट को कॉपी और मूव करने के लिए मोडलेस मेथड तैयार किया। यहां से
ही कट, कॉपी और पेस्ट टर्म का इजाद हुआ। लैरी टेस्लर अपने CV
में लिखते हैं कि वो मोडलेस एडिटिंग और कट कॉपी पेस्ट के शुरुआती
इन्वेंटर हैं। लैरी टेस्लर ने PARC में ही कट, कॉपी और पेस्ट डेवेलप किया. हालांकि बाद में ये कट, कॉपी
और पेस्ट का कॉन्सेप्ट कंप्यूटर के इंटरफेस और टेक्स्ट एडिटर्स के लिए आ गया।
इसके अलावा उन्होंने फाइंड और रिप्लेस जैसी कई
कमांड बनाई जिनसे टेक्स्ट लिखने से लेकर सॉफ्टवेयर डेवलप करने जैसे कई काम आसान हो
गए। गौरतलब है कि ऐपल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स ने भी PARC
के इस रिसर्च को ऐपल प्रोडक्ट्स को बेहतर करने के लिए इस्तेमाल किया
था।
कई दिग्गज टेक कंपनियों में किया काम
अपने करियर में टेस्लर ने कई दिग्गज टेक
कंपनियों में काम किया। 1973 में उन्होंने जिरोक्स पालो
आल्टो रिसर्च सेंटर (PARC) से अपने करियर की शुरुआत की। इसके
बाद स्टीव जॉब्स का ऑफर मिलने के बाद उन्होंने 17 साल तक
एप्पल में काम किया और चीफ साइंटिस्ट के पद तक पहुंचे। एप्पल छोड़ने के बाद
उन्होंने एक एजुकेशन स्टार्ट अप की स्थापना की। इसके अलावा वो थोड़े-थोड़े समय के
लिए अमेजन और याहू में भी रहे।
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