बैंडविथ क्या है
भारत में औसतम इंटरनेट स्पीड 2 MB प्रति सेकेंड है...
जितनी ज्यादा बैंडविथ होगी, उतना ज्यादा तेजी से
अधिक डेटा ट्रांसफर किया जा सकेगा। यानी तेज स्पीड से। इस डेटा को बिट्स में नापा
जाता है। जिस दर से डेटा ट्रांसफर किया गया है, उसे बिट्स
प्रति सेकंड के हिसाब से नापते हैं। एक किलोबिट यानी 1000 बिट्स और मेगाबिट्स
अर्थात 1000 किलोबिट। इसलिए एक मेगाबिट यानी दस लाख बिट्स। यह दर जितनी अधिक होगी,
उतनी ही इंटरनेट स्पीड तेज होगी। हाई बैंडविथ का अर्थ है 2 से 4
एमबीपीएस की दर से डेटा ट्रांसफर करना। 4 जी (फोर्थ जनरेशन) बैंडविथ जाहिर है,
3 जी से ज्यादा तेज है, लेकिन यह देश में कुछ
स्थानों पर ही उपलब्ध है। सामान्यत: ब्राउज़िंग के लिए 2एमबीपीएस की बैंडविथ
पर्याप्त मानी जाती है।
कई यूजर्स सोचते हैं कि वेब पर उनकी
दिन-प्रतिदिन एक्टिविटीज को हैंडल करने के लिए उनका कनेक्शन पर्याप्त फास्ट होना
चाहिए।
इसके लिए नीचे विभिन्न टास्क के लिए आवश्यक
स्पीड के कुछ उदाहरण दिए गए हैं
ऑनलाइन गेमिंग – 15
और 20 Mbps के बीच
स्टैण्डर्ड वीडियो स्ट्रीमिंग – 2 और 3 Mbps के बीच
720p के हाई
डेफिनेशन वीडियो स्ट्रीमिंग – 3 और 5 Mbps के बीच
1080p के हाई
डेफिनेशन वीडियो स्ट्रीमिंग – 4 और 8 Mbps के बीच
4k अल्ट्रा हाई
डेफिनेशन वीडियो स्ट्रीमिंग – 11 और 15 Mbps के बीच
स्ट्रीमिंग म्यूजिक – 1 और 2 Mbps के बीच
इंटरनेट की स्पीड टेस्ट करना यह एक मात्र
रास्ता हैं, जो यह साबित कर सकता हैं कि आप अपने
आईएसपी को जिस बैंडविड्थ के लिए क़ीमत दे रहे हैं वह असल में उतनी हैं या नहीं....हमारा
स्पीड तभी फ़ास्ट होगा जब ISP अपने बैंडविड्थ को बढ़ाएगा....
एक उदहारण एक भूखा के लिए 5,6 रोटी काफी है लेकिन उसी को अगर 5,6 लोगों के बिच बाँट दिया जाए तो क्या होगा...समझ सकते है....
अब आप खुद ही समझ गए होंगे की कौन सा ISP
आपके कम नेट स्पीड दे रहा हैं...
# itkhoj
By-Hemant Sarkar
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