होलोग्राम तकनीक अब आम लोगो के बिच आने वाली है
होलोग्राम तकनीक अब आम लोगो के बिच आने वाली
है वह दिन दूर नहीं जब आप अपने मोबाइल से कोई भी विडियो या फ़ोटो को आप अपने घर के
दीवार पर देख सकते है तो आज जानते है इस तकनीक के बारे में...
.इस तकनीक में दो तकनीकों का संगम है थ्रीडी और
होलोग्राम जब इन दो जबरदस्त तकनीकों का संगम होता है तो बनती है थ्रीडी होलोग्राम, यानी ऑखों को धोखा देने वाली तकनीक, कुछ समय तक
सिर्फ फिल्मों तक सीमित रहने वाली यह तकनीक अब वास्तविकता में हमारे बीच आ गयी है
और अपने शुरूआती दौर में बडी तेजी से प्रगति भी कर रही है, चुनावी
भाषण हो फिल्म प्रमोशन या फिर इन्टरव्यू सब जगह इस तकनीक का सफल प्रयोग किया जा
रहा है, इस तकनीक से किसी भी दूर बैठे व्यक्ति से लाइव
आमने-सामने बात की जा सकती है, जैसे वह वास्तव में आपके
सामने ही हो। आपने टेलीपोर्ट तो सुना ही होगा जिससे एक जगह से दूसरी जगह अपने
वास्तविक रूप में कुछ ही सेकेण्ड में पहॅुचा जा सकता है, लेकिन
यह तकनीक टेलीपोर्ट से थोडा हटकर है, टेलीपोर्टेशन और थ्रीडी
होलोग्राम में जो अन्तर है वह कुछ-कुछ कम्प्यूटर में इस्तेमाल होने वाले कट और
कॉपी जैसा ही है, जैसे कट करने पर टैक्स्ट अपने स्थान से हट
जाता है और दूसरे स्थान जहॉ भी हम उसे पेस्ट करें वहॉ चला जाता है उसी प्रकार
टेलीपोर्टेशन में किसी भौतिक वस्तु या इंसानी शरीर को एक स्थान से पूरी तरह हटाकर
दूसरे स्थान पर भेज दिया जाता है, और थ्रीडी होलोग्राम तकनीक
कम्प्यूटर के कॉपी फंग्शन की तरह काम करती है यहॉ किसी भी वस्तु या इंसानी शरीर का
आभासी थ्रीडी प्रतिबिंब तैयार किया जाता है और एक साथ कई स्थानों पर उसे दिखाया जा
सकता है और ऐसा प्रधानमंञी नरेन्द्र मोदी जी ने अपने चुनाव प्रचार खूब प्रयोग किया
था, जो सफल भी रहा...
क्या है थ्रीडी होलोग्राम.....?
त्रिआयामी होलोग्राफी तकनीक में एक पारदर्शी
रंगीन प्रकाश का प्रयोग किया जाता है, जिसे
प्रोजेक्टर के माध्यम से थ्रो या बनाया जाता है। इस तकनीक में मनुष्य या किसी
भी वस्तु से निकलने वाली रोशनी या प्रकाश को ञिआयामी कैमरों द्वारा रिकॉर्ड कर
लिया जाता है और रिकार्ड किये गये वीडियो, पिक्चर को थ्रीडी
प्रोजेक्टर द्वारा जब प्ले किया जाता है वह उसी प्रकार दिखाई देती है जैसी
रिकॉडिंग के समय थी। यह चिञ और वीडियो बिलकुल वैसे ही दिखाई देते है जैसे आप किसी
वास्तविक वस्तु या मनुष्य को पास से देख रहे हो या वह आपके सामने हो....
अब तो यह तो समय ही बताएगा कि यह तकनीक कहा तक
विकसित होगी...
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