ग्लोबल वार्मिंग का खतरा अब नज़र आने लगा

by - 10:29 AM


                                                       मधेपुरा अभी 06c डिग्री से जूझ रहा कुछ दिन बाद इससे भी निचे जाने का खतरा है....पुर्णिया 1.5c सुपौल 2c ....बाकी जगह का क्या हाल है आपको पता ही होगा....
ग्लोबल वार्मिंग का खतरा अब नज़र आने लगा.
पिछले दिनों बेमौसम बरसात और बर्फबारी के अलावा भारी बीमारियां भी सामने आई हैं जिसने मौसम विज्ञानियों को भी चिंता में डाल दिया है.
ऑस्ट्रेलिया का सिडनी शहर आज कल बेहद गर्म हो चला है. हालत यह हो गई कि 79 साल के बाद वहां का तापमान 47 डिग्री सेल्सियस के पार जा पहुंचा.
प्राकृतिक के साथ जो खिलवाड़ जो होता आ रहा है उसका परिणाम अब देखने को मिलेगा...
"भारत ही नहीं, ग्लोबल वार्मिंग का असर अब दुनिया के कई देशों में स्पष्ट नजर आने लगा है. भारत में इसके इतने गहरे असर का यह पहला मौका है." उनके मुताबिक, इसी वजह से पिछले एक दशक में भारी बर्फबारी, सूखा, बाढ़, गरमी के मौसम में ठंड जैसी घटनाएं बढ़ी हैं. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मार्च में दिल्ली या अन्य मैदानी इलाकों में तेज बारिश लगभग 15 साल पहले हुई थी. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों में तो ऐसी बर्फबारी असामान्य है. ऐसा भी नहीं है कि एकाध बार किसी निम्न दबाव के चलते ऐसा हुआ. मौसम के मिजाज में यह बदलाव इस साल बार-बार देखने को मिल रहा है...
*प्रकृति के प्रति हमारे दृष्टिकोण,जिसमें यह गलतफहमी पाली जाती है कि प्रकृति को दास बनाया जा सकता है और यह भूल जाते हैं कि हम स्वयं भी तो प्रकृति ही हैं...
*हमारे यहाँ प्रतिवर्ष 15 लाख हेक्टेयर वन नष्ट हो रहे हैं, जबकि प्रतिवर्ष वन लगाने की अधिकतम सीमा 3 लाख 26 हजार हेक्टेयर है। यही हाल रहा तो आगामी कुछ दशकों में हमारी धरती वन विहीन हो जाएगी....
सबसे ज्यादा खिलवाड़ पेड़ से हुआ है...पेपर का प्रयोग सबसे ज्यादा हमलोग करते है...
और पोलिथीन से वातावरण को और धरती को दूषित...I




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