स्वामी विवेकानंद अनमोल साहित्य
कर्म योग,ज्ञान योग,भक्ति योग....बहुत अनमोल साहित्य
इनका है जिसे आज कल के इस इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के इस युग में बहुत कम पढ़ा जाता
है....
स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन राष्ट्रीय युवा
दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रमु्ख कारण उनका दर्शन, सिद्धांत, अलौकिक विचार और उनके आदर्श हैं, जिनका उन्होंने स्वयं पालन किया और भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी
उन्हें स्थापित किया। उनके ये विचार और आदर्श युवाओं में नई शक्ति और ऊर्जा का
संचार कर सकते हैं। उनके लिए प्रेरणा का एक उम्दा स्त्रोत साबित हो सकते हैं।
किसी भी देश के युवा उसका भविष्य होते हैं।
उन्हीं के हाथों में देश की उन्नति की बागडोर होती है। आज के पारिदृश्य में जहां
चहुं ओर भ्रष्टाचार, बुराई, अपराध
का बोलबाला है जो घुन बनकर देश को अंदर ही अंदर खाए जा रहे हैं। ऐसे में देश की
युवा शक्ति को जागृत करना और उन्हें देश के प्रति कर्तव्यों का बोध कराना अत्यंत
आवश्यक है। विवेकानंद जी के विचारों में वह क्रांति और तेज है जो सारे युवाओं को
नई चेतना से भर दे। उनके दिलों को भेद दे। उनमें नई ऊर्जा और सकारात्कमता का संचार
कर दे।
ये हैं 10 वचन
1. उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि
तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते.
2. पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर
एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं।
3. जब तक जीना, तब तक
सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
4. हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है,
इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं।
विचार रहते हैं। वे दूर तक यात्रा करते हैं।
5. जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे। यदि तुम
खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।
6. एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना
लो, उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों,
नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब
जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो। यही सफल होने
का तरीका है...
7. जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो,
ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये, नहीं तो
लोगो का विश्वास उठ जाता है।
8. एक समय में एक काम करो , और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ.
9.ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी
हैं। वो हमीं हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना
अंधकार है।
10. जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही
शानदार होगी।
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