कुछ खफा हूँ अपने शहर से

by - 9:48 AM

 

कुछ ख़फ़ा ख़फ़ा सा रहता हूँ आज कल इस शहर में

कोई अपना था आज खो गया

गुमनाम सी ये जिंदगी

नाम का क्या है कल भी था आज  भी है और कल भी रहेगा

पर वह मेरे साथ नहीं रहेगे जो अपना था

कभी एक आवाज पे मैं दौरा आ जाता

आज वह आवाज कहीं खो गया

कुछ ख़फ़ा ख़फ़ा सा रहता हूँ आज कल इस शहर में

कोई अपना था आज खो गया……….

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