आज पुरे मानव जाति ख़तरे में हैं

by - 7:41 AM

कहीं ना कहीं कुछ तो गड़बड़ हैं प्राकृतिक अपना इस तरह का रौद्र रूप दिखायेगा ये कभी सोचा नहीं था क्या गलती हुईं इस मानव से.....

टेक्नोलॉजी या बढ़ती आबादी  ????? 

कुछ समझ में नहीं आता इस धरती पे सबसे समझदार जीव हमलोग ही हैं पर अपने इस प्राकृतिक के साथ कहीं ना कहीं कोई भूल हो गई 

हम इतना आगे बढ़ गए की आज पुरे मानव जाति ख़तरे में हैं

टेक्नोलॉजी अब इतनी बड़ी हो चुकी हैं की अब हमलोग चाँद और मंगल पे अपना घर बसाना चाहते है क्या ये धरती उनलोगों को अब अच्छी नहीं लगती....?

 क्यों हमलोग प्राकृतिक से खेल रहें है 

आखिर क्यों 


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