Srimadbhagwadgita
by
hemantsarkar
- 11:36 AM
1.ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप
में देखता है, वही सही मायने में देखता है.
2.जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह
शत्रु के समान कार्य करता है.
3.मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता
है.जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है.
5.व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदी वह
विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार
चिंतन करे.
Editing By-Hemant Sarkar