बिन बोले यह बरसात हैं
ये कैसी काली रात है
बिन बोले यह बरसात हैं
किसानों का फ़सल इन्द्रदेव के पास है
आप कहते हैं की भगवान हैं
भगवान हैं तो हम हैं
आस्था हैं तो भगवान हैं
मुसीबत बोल के नहीं आती
किसान भाई को प्रणाम आप धर्य रखें
कुछ ना कुछ ऊपर वाला करेगें ....
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