यूनिवर्स
“यूनिवर्स यानि ब्रह्माण्ड”,जिसमें आप, हम,धरती ,आसमान,अंतरिक्ष,आकाश
गंगाएं और ब्लैक होल सब कुछ शामिल है, सचमुच ही एक अतिसुन्दर और बुध्धिमत्तापूर्ण
कलाकृति है|********इस कलाकृति का रचनाकार कौन है ? यह जानने की
उत्सुकता
स्वाभाविक है|
परन्तु इस कलाकार को जानना और समझना तब तक
संभव नहीं जब तक की हम पूरी कलाकृति और उसके उद्देश्यों को नहीं समझ लेते | विज्ञानं और दर्शन दौनों एक दुसरे के पूरक, प्रेरक
और मार्ग दर्शक होते है|
सम्पूर्ण सृजन को समझने में हमारी मदद के लिए
विज्ञानं सहज ही उपलब्ध हैं|समझदारी
यही है कि हम इस विशाल भव्य सृजन को, अपनी अपनी वैग्यानिक और दार्शनिक समझ
के अनुसार जानें, उस महान रचनाकार के उद्देश्यों को समझें और उन उद्देश्यों की पूर्ती में
सहायक बनें|
एक सामान्य व्यक्ति में विज्ञानं और दर्शन की
जितनी समझ होती है
उसके अनुसार भी विचार करे तो भी साफ़ साफ़ लगता
है कि ब्रह्माण्ड की रचना,किसी
सोची समझी योजना के तहत, किन्ही विशेष उद्देश्यों की पूर्ती के लिए और किसी
सिद्धहस्त कलाकार द्वारा की गयी है|
“Quantum entanglement” भौतिकी में एक
अविश्वसनीय और
आश्चर्य चकित कर देने वाली भौतिक घटना है।
जिसमे दो जुड़वां कण, एक दुसरे से हजारों मील दूर
होते
हुए भी, आपस में ऐसा
व्यव्हार करते हैं जैसे वे अद्रश्य तारों से जुड़े हुए हों और एक दुसरे से बात कर
आइन्स्टीन की बात सही थी
अल्बर्ट आइंस्टीन ने इस घटना यानि “Quantum
entanglement” के
बारे में बात करते हुए इसे “ स्पूकी एक्सन एट ए डिसटेन्स” कहा था । उन्होंने इस
घटना के बारे में
अविश्वास व्यक्त करते हुए निम्नलिखित शब्दों
में टिप्पणी की थी| " भगवान पासा नहीं खेलते
हैं "
उस समय इस बात का मखौल उड़ाया गया था | परन्तु आइन्स्टीन सही था।भगवान सच-मुच " पासा " नहीं खेलते हैं|
ब्रह्माण्ड की रचना करनेवाले की प्रत्येक
कार्यावाही और हर एक रचना के पीछे हमेशा कुछ न
कुछ निश्चित उद्देश्य होता है।
“बिग बैंग” सुनिश्चित
योजना के अनुसार घटित हुआ था !!!
" बिग बैंग "की घटना भी एक
सुनिश्चित उद्देश्यपूर्ण भौतिक घटना थी| वास्तव में वह
" पृथ्वी की तरह" सुरक्षित ग्रह पर श्रेष्ठतम " मानव जीवन"
विकसित करने के उद्देश्य से, एक अच्छी तरह से सोची समझी और
नियोजित परियोजना का शुभारंभ था।
कुछ “एंटी मैटर”
योजना के तहत गायब किया गया ताकि ब्रह्माण्ड अस्तित्व में
आ सके|
“ बिग बेंग” के समय
मेटर और एंटीमैटर दोनों को एक साथ समान मात्रा में बनाया गया था। स्वाभाविक था की
वे तुरंत एक-दूसरे को नष्ट कर देते और ऊर्जा में बदल जाते। लेकिन ब्रह्मांड के
निर्माता ने जानबूझकर अपनी योजना के अनुसार, तुरंत ही कुछ
एंटीमैटर गायब कर दिया ताकि ब्रह्माण्ड और दुनियां बनाने के लिए कुछ मैटर बचा रहे|
अन्हायलेट होने से बचे हुए इसी मैटर यानि “ क्वार्क
और इलेक्ट्रान”से वर्तमान ब्रह्मांड अस्तित्व में आया।
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