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भाषा
by
hemantsarkar
- 11:46 AM
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मैं भगवान के प्रति कुछ नहीं छोड़ता
by
hemantsarkar
- 8:33 AM
मैं भगवान के प्रति कुछ नहीं छोड़ता उनके प्रति श्रद्धा और अपने अंदर एक शक्ति पाकर वर्तमान में जीता हूं वर्तमान मेरा आईना वर्तमान ही मेरा पहचान मैं भगवान के ऊपर कुछ नहीं छोड़ता क्योंकि वर्तमान से कुछ सीखता हूं वर्तमान से सजाता हूं सवारता हूं अपने वर्तमान से लड़ता हूं अपने भविष्य के प्रति आस्थावान रहता हूं यह जानते...
सत्य का जन्म व्यक्तित्व के अंतरात्मा से होती है झूठ खा जन्म ईष्या से होती है इल्जाम का जन्म उसकी सोच से होती हैहमारा परिवेश हमारा समाज है जिसके पास सिर्फ सिर्फ कान है आँख नहीं है हम सिर्फ अपने कानो पे भरोसा करते हैं अपनी आँखों को बंद कर कान देख नहीं नहीं सकता और प्रमाणित भी नहीं कर सकता वह...