Art By My Daughter Pragya Sarkar ...
जीना तो है चाहे जैसे जिए हँस कर जिए या मर के जिए
by
hemantsarkar
- 12:18 PM
हमें अब एक विकल्प की तलाश करनी होगी जो इस राष्ट्र के लिए सोचें हमारे युवा पीढ़ी के लिए सोचें क्योंकि राम मंदिर में हमारे युवा पीढ़ी पंडित बन पूजा नहीं करा सकते। उस लागत से एक विकास का मार्ग निकल सकता था कई उद्योग लग सकता था कई बेरोजगार को नौकरी लग...