"अष्टावक्र".....आप सोच रहे होंगे की मैं आज किनका नाम ले लिया.. नई पीढ़ी आज पहली बार नाम पढ़े होंगे... इनके ऊपर कई किताब लिखी जा चुकी है "भगवत गीता" का नाम तो जानते ही होंगे लेकिन एक और गीता लिखा गया जिसका नाम "अष्टावक्र गीता" है "अष्टावक्र" एक बहुत बड़े विद्वान गुरु थे...
कुछ महीने पहले मैंने एक हत्या की थी अपनी भावनाओं का लेकिन सिद्धांत और स्वविमान का नहीं में हत्या करना नहीं चाह रहा था परन्तु विवश था हत्या करना जरुरी था मैं हत्या के पहले भी रोया था अपनी भावना अपनी संवेदना को आज मार डाला, अपनी लाश को अपने कंधे पर ठाए...