क्रोध में दिए गए घाव कभी नहीं भरते

by - 7:37 PM
बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक लड़का रहता था. वह बहुत ही गुस्सैल था, छोटी-छोटी बात पर अपना आप खो बैठता और लोगों को भला-बुरा कह देता. उसकी इस आदत से परेशान होकर एक दिन उसके पिता ने उसे कीलों से भरा हुआ एक थैला दिया और कहा कि,...

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स्वामी विवेकानंद ने किताब कुछ ऐसे पढ़ी

by - 8:00 PM
दुनिया के हर हिस्से में ऐसे लोग हुए हैं, जो अपनी बोध-क्षमता यानी महसूस करने की शक्ति को पांच इंद्रियों से आगे ले गए। स्वामी विवेकानंद के बारे में एक दिलचस्प कहानी है। वे पहले योगी थे जो पश्चिम गए और वहां जा कर उन्होंने हलचल मचा दी। यह घटना सौ साल पुरानी...

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कर्म ही सर्वश्रेष्ठ है कर्म की ही विजय है

by - 9:49 PM
हम जैसे है,वैसे हम दिखाई नहीं पड़ते हम जैसे दिखते है, वैसे कभी नहीं थे. ये सत्य है आज के मानव का हम शांति चाहते है हम खुशियाँ चाहते है हम अपनों का प्यार चाहते है हम दुनियाँ के नजरों में अच्छा बनना चाहते है हम नि:स्वार्थ सेवा भी करना चाहते है, लेकीन..........................

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मेरे चाचा का सपना सच हो गया

by - 11:01 AM
                               एक संघर्ष की कथा मेरे चाचा की आज एक सत्य कहानी सुनाता हूँ.... मेरी दादी का सरस्वती पूजा के दिन देहांत हो गया था...और हमलोंग तभी से सरस्वती पूजा नहीं मनाते थे ये सिर्फ एक साल ही हुआ...

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मैं बहरा था, बहरा हूँ और बहरा रहूँगा

by - 10:00 AM
                                                एक बार एक सीधे पहाड़ में चढ़ने की प्रतियोगिता हुई. बहुत लोगों ने हिस्सा लिया. प्रतियोगिता को देखने वालों की सब जगह भीड़ जमा हो गयी. माहौल  में  सरगर्मी...

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काग़ज पे लिख कर हर रिश्ता से मुक्त हो जाता है

by - 8:32 AM
कोई काग़ज पे लिख कर हर रिश्ता से मुक्त हो जाता है कोई हर रिश्ता खत्म कर देता है तो कोई नया रिश्ता बना लेता है यह खेल है जीवन का यह तो बस चलता रहता है.... ...

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एक रिश्ता आप से एक रिश्ता दिल से

by - 9:39 AM
मैं खुद को पत्थर नहीं बना सका रिश्ता जो दिल का है उसे कभी नहीं तोड़ सका वक्त के इस तूफान में कई चेहरे बदल गए मगर रिश्ता जो दिल से है वह बदल नहीं सका   बहुत मुश्किल से बनता है एक रिश्ता कोई समझे या ना समझे मगर मैने निभाया है...

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एक आखरी ख़त

by - 8:35 AM
एक आखरी ख़त तेरे नाम जिसमें मुहब्बत तो होगी पर जज्बातों नहीं जिसमे चाहत तो होगी पर अफसाने नहीं जिसमें प्यार भरी मोती तो होगी लेकीन कोई कशिश नहीं.... हां आज एक आखरी ख़त लिखने जा रहा हु... जिसमे मिलन की कोई बात नहीं जिसमे देखने की कोई चाहत नहीं.. तुम तक जाने...

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सत्य तो केवल सत्य है

by - 9:55 AM
सत्य तो केवल सत्य है खड़ा अपनी जगह अविचल एक प्रकाश स्तम्भ फूटती किरणें निर्मल सा अनन्त तक,दिग-दिगन्त तक साम्राज्य उसी का पर आखें वाले अंधे हम देख नहीं पाते ज़माने को उसे छु के देखने की ज़िद पे अड़े और सत्य स्तम्भ सा खड़ा एक दिवार है सत्य और जूझते आपस में...

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