गरीबों के घर होली नहीं होते पुआ और पुरी.... अच्छे पकवान नहीं बनते यहाँ के मिट्टी को रंग समझ के उसी में ख़ुश हो कर खेलते अमीरों के घर का बचा वह पकवान दूसरें दिन इन लोगों के लिए होली होते खूब खाते और अमीरों के बच्चे के टूटे पिचकारी में पानी भर...
हम तो हर पल जलते है
by
hemantsarkar
- 6:58 AM
हम तो हर पल जलते है.... कोई बुझा दे तो समझे कोई हमें देख कर जलता तो हम उसे देख कर जलते कोई कर्तव्य निभाने में जलता रहता तो कोई अपना दायित्व को निभाते-निभाते जलता हम हर पल जलते पर ये अलग बात है की वह आग आप नहीं देखतें कोई बुझा दे...